श्रमिक हितों की रक्षा के लिए संघर्ष का संकल्प कोडा ने जीवन भर मजदूर हितों के लिए किया था संघर्ष : बेनीवाल
श्रीगंगानगर (सच कहूँ न्यूज)। श्रमिक नेता दर्शन कोडा के 22वें शहीदी दिवस पर आज रविवार को सीटू तथा माकपा के संयुक्त तत्वावधान में श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया। जिला सचिव का. जगसीर सिंह भट्टी ने बताया कि सर्वप्रथम सीटू, माकपा एवं सीटू से जुड़े श्रमिक संगठनों के पदाधिकारियों व कार्यकतार्ओं द्वारा दर्शन कोडा चौक पर कामरेड दर्शन कोडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण और पुष्पांजलि की गई। इस कार्यक्रम में श्रमिक नेता दर्शन कोडा की बहन अरूणा कटारिया व उनके परिजन विशेष रूप से मौजूद रहे।
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इस मौके पर पूर्व विधायक हेतराम बेनीवाल, एडवोकेट भूरामल स्वामी, का. दुर्गा स्वामी, सीटू जिलाध्यक्ष का. मोहनलाल, जिला महामंत्री का. हरकेवलदीप सिंह, का. प्रकाश राव, का. चुन्नीलाल, का. साधुराम, का. रेखा चौहान, हनुमान मेहरड़ा आदि वक्ताओं ने कहा कि शहीद दर्शन कोडा ने जीवन भर मजदूरों के हित में लड़ाई लड़ी तथा उन्हीं के लिए वे शहीद हुए थे। दर्शन कोडा ने मजदूरों को उनके अधिकार दिलाने के लिए काफी संघर्ष किया। वह जीवनभर मजदूरों के हित के लिए ही कार्य करते रहे। वक्ताओं ने कोडा की पुण्यतिथि को बलिदान दिवस बताया तथा कहा कि दर्शन कोडा का सपना था कि प्रत्येक मजदूर नशे से दूर रहे।
नशे के दुष्प्रभावों के बारे में बताते हुए श्रमिकों से नशे से दूर रहने का आह्वान किया गया। सीटू एवं माकपा पदाधिकारियों, कार्यकतार्ओं व श्रमिकों ने समान मजदूरी व एक समान सरकारी योजनाओं का लाभ श्रमिकों को दिलाने, निजीकरण के विरोध में तथा बेरोजगारी के खिलाफ संघर्ष को तेज करने, जिले के प्रत्येक मजदूर को सीटू के बैनर से जोड़ने तथा श्रीगंगानगर में व्याप्त गुंडागर्दी व बिगड़ी कानून व्यवस्था के विरोध में संघर्ष करने एवं नशे से दूर रहने का संकल्प लिया।
अरूणा कटारिया ने कहा कि आज मृत्यु के कुछ समय बाद ही व्यक्ति को लोग भूल जाते हैं, परन्तु शहीद दर्शन कोडा श्रमिकों के लिए आजीवन संघर्षरत रहे, जिसके कारण वे सदा श्रमिकों के दिल में जिंदा रहेंगे। मेरा एक भाई तो चला गया, परन्तु मुझे हजारों-लाखों श्रमिक भाई मिल गए हैं। इस मौके पर कार्यकतार्ओं ने दर्शन तेरे सपनों को मंजिल तक पहुंचाएंगे… के गगनभेदी नारों से सारा वातावरण गुंजायमान कर दिया तथा भावभीनी श्रद्धांजलि दी। तत्पश्चात रेल हेड पर दर्शन कोडा की स्मृति में अटूट लंगर बरताया गया। इस अवसर पर मोहम्मद आलिम, सुरेश कुमार, लक्ष्मण राम, भूप खण्डा, भोलू इंदौरा, बलवीर, महेन्द्र सिंह सहित सैंकड़ों श्रमिक उपस्थित थे।
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