मार्शल आर्ट सीखने में महिलाओं की बढ़ रही रुचि
- गुरुग्राम जैसे अग्रणी शहरों में महिलाएं बन रही खुद की रक्षक
गुरुग्राम। (सच कहूँ/संजय कुमार मेहरा) मार्शल आर्ट आज के समय में महिलाओं के लिए बहुत जरूरी हो गया है। पुरुष प्रधान समाज में महिलाएं भी प्रोफेशनल्स के रूप में खुद को स्थापित कर रही हैं। ऐेसे में अपनी सुरक्षा के लिए भी महिलाएं जागरुक हो रही हैं। किसी भी विपत्ति के समय मुकाबला करने में सक्षम होने के लिए महिलाएं मार्शल आर्ट का सहारा ले रही हैं। एक तरह से मार्शल आर्ट महिलाओं के लिए हथियार और कवच दोनों का काम करता है।
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मार्शल आर्ट सभी उम्र की महिलाओं में लोकप्रिय हो गया है। यह हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभ पहुंचाता है। साथ ही सुरक्षा भी करता है। खतरा कभी भी, कहीं भी हो सकता है। इसलिए सभी के लिए आत्मरक्षा कौशल का अभ्यास करना अत्यधिक महत्वपूर्ण है। आत्मरक्षा एक ऐसा कौशल है, जिसकी अक्सर हमारे समाज में उपेक्षा की जाती है, फिर भी यह बहुत महत्वपूर्ण है। यह हमारे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के विकास में सहायता करता है। साथ ही हमें अप्रत्याशित परिदृश्यों के लिए तैयार करता है। विभिन्न मार्शल आर्ट शैलियां बुनियादी से लेकर विशेषज्ञ कौशल और तकनीकों की पेशकश करती हैं, जो आत्मरक्षा के अभ्यास में बहुत फायदेमंद हैं।
व्यायाम का एक रूप है मार्शल आर्ट
मार्शल आर्ट प्रशिक्षण महिलाओं को प्रतिकूल परिस्थितियों के लिए तैयार करेगा। मार्शल आर्ट प्रशिक्षण एक तरह से व्यायाम का एक रूप है। वार्म-अप, स्पारिंग, वास्तविक प्रशिक्षण से लेकर कूल डाउन तक हर चीज में शारीरिक सहनशक्ति और शक्ति शामिल होती है जो इसे सभी के लिए एक आदर्श खेल बनाती है।
महिलाओं के लिए मार्शल आर्ट जरूरी: सुनील सैनी
गुरुग्राम कराटे एसोसिएशन के महासचिव शिहान सुनील सैनी कहते हैं कि आज के समय में महिलाओं के लिए मार्शल आर्ट जरूरी हो गया है। महिलाओं में भी यह कला सीखने के लिए काफी रुझान है। यह शारीरिक तंदुरुस्ती के साथ सुरक्षा में बड़ी मदद करता है। मार्शल आर्ट में एक्सपर्ट महिलाएं किसी भी अप्रिय घटना के समय खुद की रक्षा खुद ही कर सकती हैं।
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