गांधी जी से जुड़ी कई योजनाएं आज भी अधूरी

नयी दिल्ली (एजेंसी)।  राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जीवन भर हिंदी के लिए लड़ते रहे लेकिन पिछले 10 वर्षों से ‘गांधी वांग्मय’ हिंदी में उपलब्ध नहीं है और उनके 150वें जयंती वर्ष में यह फिर से प्रकाशित नहीं हो पाया। इस बीच 100 खंडों में अंग्रेजी में प्रकाशित ‘गांधी वांग्मय’ की डीवीडी भी आ गयी और सम्पूर्ण सेट पेन ड्राइव में भी उपलब्ध हो गया है लेकिन हिंदी में यह आज तक उपलब्ध नहीं हो पाया।

इतना ही नहीं साहित्य अकादमी के पूर्व अध्यक्ष विश्वनाथ तिवारी के संपादन में गांधी पर भारतीय भाषाओं में लिखे गए प्रमुख लोगों के संस्मरण और कविताओं का एक संग्रह भी 150वें जयंती वर्ष में प्रकाशित होने वाला था लेकिन वह आज तक नहीं निकल सका क्योंकि काॅपीराइट की अनुमति आज तक उन्हें नहीं मिल पाई और वह योजना खटाई में पड़ गयी।

 

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