‘बेहिम्मते ने जिहड़े बहिके शिकवा करन मुकद्दरां दां, उगन वाले उग पैंदे ने सीना पाड़ के पत्थरां दां’
- शारीरिक तौर पर दिव्यांग और सिर पर पिता का छाया न होने के बावजूद नहीं मानी हार
बरनाला(सच कहूँ/जसवीर सिंह गहल)। ‘बेहिम्मते ने जिहड़े बहिके शिकवा करन मुकद्दरां दां, उगन वाले उग पैंदे ने सीना पाड़ के पत्थरां दां’ यह लाईनें उन लोगों पर बिल्कुल फिट बैठती हैं जो शारीरिक तौर पर तंदरुस्त होने के बावजूद भी सब कुछ मकुद्दरों पर छोड़ देते हैं। परन्तु जिला बरनाला के गांव गुंमटी के मनप्रीत सिंह ने शारीरिक तौर पर दिव्यांग होने के साथ ही सिर पर पिता का छाया न होने के बावजूद भी उक्त लाईनों को सच कर दिखाया है। मनप्रीत सिंह ने आठवीं कक्षा के परिणामों में पंजाब भर में पहला स्थान हासिल कर अपने माता-पिता का नाम गर्व से रौशन कर दिया है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक मनप्रीत सिंह के जन्म के समय ही कमर पर फोड़ा था, जिस कारण इसका तीन दिनों की उम्र में ही आॅपरेशन करवाना पड़ा। तीन महीनों बाद ही फिर मनप्रीत के दिमाग में दिक्कत आ गई और उसके स्टंट डलवाना पड़ा। दुखों ने यहां भी बस नहीं किया, कुछ समय बाद ही कमर की समस्या के कारण मनप्रीत की टांग भी छोटी हो गई। जिस कारण मनप्रीत आज भी बांये पैर से थोड़ा लंगड़ाकर चलता है। हद तो तब हो गई जब 2014 में मनप्रीत सिंह के पिता जगमोहण सिंह की भी दिहाड़ी करने गए समय लैंटर गिरने से मौत हो गई। छोटे कृषि परिवार से संबंधित मनप्रीत की माँं किरनजीत कौर ने फिर भी हौसला रखा और बच्चों को उच्च शिक्षा दिलाने की ठान कर सिलाई का काम शुरू किया और मनप्रीत सिंह सहित अपने बड़े बेटे की भी पढ़ाई निर्विघ्न जारी रखी।
किरनजीत कौर ने खुद परेशानियां झेलीं लेकिन हार नहीं मानी, जिसको आज रंग लगता नजर आ रहा है क्योंकि उसके दिव्यांग बेटे मनप्रीत सिंह ने आठवीं कक्षा के आए परिणामों में अपनी मां किरनजीत कौर का नाम पहले की अपेक्षा और भी ऊँचा कर दिया है। जिसका पता चलते ही मनप्रीत सिंह और उसकी मां किरनजीत कौर को बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। बेशक इस समय किरनजीत कौर अपने दोनों बच्चों के साथ गर्मी की छुट्टियां काटने के लिए अपने मायके गाँव कुलार खुर्द (जिला संगरूर) गई हुई है। परन्तु वहां भी उन्हें फोन सुनने पर बधाई लेने से रत्ती भर भी फुर्सत नहीं मिल रही। किरनजीत कौर के चेहरे पर मनप्रीत सिंह की ओर से हासिल की गई इस उपलब्धि की खुशी प्रत्यक्ष झलक रही है। जिसको शब्दों में बयान करना असंभव लग रहा है। बता दें कि किरनजीत कौर के दो बेटे हैं, बड़ा अरशप्रीत सिंह वीं दे पेपर दे चुका है। जबकि मनप्रीत सिंह ने आज आठवीं कक्षा के आए परिणामों में पूरे पंजाब में से पहला स्थान हासिल किया है।
उल्लेखनीय है कि मनप्रीत सिंह सरकारी माध्यमिक स्कूल गुंमटी का विद्यार्थी है, जहां उसने आज आठवीं कक्षा के आए परिणामों में 600 में से 600 अंक हासिल कर राज्य भर में से पहला स्थान हासिल किया है। इसके अलावा होशियारपुर के एसएवी जैन डे बोर्डिंग सीनियर सेकैंडरी स्कूल की मेहानी और अमृतसर के अंबर पब्लिक सीनियर सैंकेडरी स्कूल, नया तनेल (बाबा बकाला) की करमनप्रीत कौर ने 600 में से 596 अंक प्राप्त कर दूसरा और तीसरा स्थान हासिल किया है।
मनप्रीत ने अथाह हौसला बढ़ाया
मनप्रीत सिंह की मां ने फोन पर बातचीत करते कहा कि आज उसकी खुशी का कोई टिकाना नहीं। बेशक उसके पति का छाया उसके सिर पर नहीं। परन्तु उसके बेटे मनप्रीत सिंह ने आज उसका अथाह हौसला बढ़ा दिया है। उन्होंने बताया कि वह सिलाई का काम कर घर और बच्चों की पढ़ाई का खर्च चला रही है क्योंकि उसके पति की मजदूरी करते समय 2014 में मौत हो चुकी है। जिसके बाद उसने बच्चों को उच्च शिक्षा देने का प्रण किया, जिसमें पहली सफलता उसको मिल चुकी है।
आईएएस बनना ही है सपना : मनप्रीत सिंह
बच्चे मनप्रीत सिंह ने बताया कि उसका सपना आईएएस बनने का है, जिसके लिए उसको को कितनी भी मेहनत या पढ़ाई करनी पड़े वह बिना रूके करेगा। मनप्रीत ने कहा कि बेशक उसकी मां सिलाई का काम कर उनकी पढ़ाई और घर के खर्च किए तौर रही है। परन्तु एक दिन वह उस पर इससे भी कहीं अधिक गर्व महसूस करेगी।
हर संभव सहायता करेंगे
डिप्टी कमिशनर हरीश नैयर ने संपर्क किये जाने पर बच्चे और उसके माता पिता सहित विभाग और स्कूल स्टाफ को विशेष के तौर पर बधाई देते विश्वास दिलाया कि जिला प्रशासन की ओर से बच्चे की पढ़ाई में भी हर संभव सहायता की जायेगी। जल्द ही शिक्षा अधिकारियों द्वारा बच्चे को घर जाकर विशेष तौर पर सम्मानित भी किया जाएगा। उन्होंने दूसरे बच्चों को भी मनप्रीत सिंह से प्रेरणा लेकर मेहनत करने के लिए प्रेरित किया।
मनप्रीत पर गर्व है : जिला शिक्षा अधिकारी
जिला शिक्षा अफसर सरबजीत सिंह तूर ने मनप्रीत के माता पिता को बधाई दी और आगे वाली पढ़ाई के लिए शुभ कामनाएं भेंट करने के साथ ही स्कूल स्टाफ को भी बधाईयां दी। स्कूल इंचार्ज दर्शन सिंह ने कहा कि मनप्रीत शुरू से ही पढ़ाई में होशियार है, इस कारण उनको मनप्रीत पर गर्व है, जिसने आज स्कूल का नाम पंजाब भर में चमका दिया है।
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