पीसी-पीएनडीटी एक्ट को सख़्ती से लागू करने के आदेश
चंडीगढ़ (सच कहूँ न्यूज)। पंजाब के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ बलबीर सिंह ने शनिवार को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को राज्य में लिंगानुपात (Sex Ratio) में सुधार के लिए उचित कदम उठाने और राज्य में प्री-कंसेप्शन एंड प्री-नेटल डायग्नोस्टिक टेक्निक्स (पीसी-पीएनडीटी) अधिनियम का कड़ाई से अनुपालन करने के आदेश दिए। सिंह के निर्देशों का पालन करते हुए डायरेक्टर स्वास्थ्य सेवाएं (परिवार कल्याण) डॉ रवीन्दर पाल कौर ने स्वास्थ्य अधिकारियों की एक अंतर-जिला टीम का गठन किया।
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टीम के सदस्यों को गुरदासपुर जिले में सभी अल्ट्रासाउंड स्कैन सुविधाओं का विस्तृत निरीक्षण करने के लिए कहा गया, जोकि लिंगानुपात के मामले में सबसे खराब प्रदर्शन करने वाला जिला है। 2021-2022 की नागरिक पंजीकरण प्रणाली (सीआरएस) रिपोर्ट के अनुसार 926 के समग्र राज्य अनुपात की तुलना में जिला गुरदासपुर में अनुपात 887 है।
भ्रूण हत्या की कुप्रथा को पूरी तरह से समाप्त करेंगे
डॉ कौर ने कहा कि मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकतार्ओं (आशा) और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को पहली तिमाही के भीतर गर्भावस्था दर्ज करने के सख्त निर्देश दिए गए हैं, जिससे किसी भी लिंग चयन की संभावना बहुत कम हो जाती है क्योंकि गर्भवती महिला को उसके पूरे गर्भकाल की अवधि में ट्रैक किया जाता है। डॉ सिंह (Dr. Balbir Singh) ने कहा कि पंजाब के 10 जिलों में अब लिंगानुपात राज्य के औसत 926 से अधिक है, जिसमें एसबीएस नगर और रूपनगर जिले क्रमश: 948 और 946 के अनुपात के साथ सूची में शीर्ष पर हैं। उन्होंने कहा, ‘हम राज्य भर में लिंगानुपात (Sex Ratio) में सुधार के लिए तब तक कड़ी मेहनत करते रहेंगे, जब तक कि राज्य से कन्या भ्रूण हत्या की कुप्रथा को पूरी तरह से समाप्त नहीं कर दिया जाता।
उन्होंने कहा कि राज्य में कुल 1861 अल्ट्रासाउंड स्कैन केंद्र पंजीकृत हैं और यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई भी अल्ट्रासाउंड स्कैन केंद्र पीसी-पीएनडीटी अधिनियम का उल्लंघन नहीं कर रहा है, विभाग लगातार स्टिंग आॅपरेशन कर रहा है और साथ ही जिले के संबंधित अधिकारियों द्वारा निरीक्षण किया जा रहा है। अगर कोई स्कैन सेंटर पीसी-पीएनडीटी एक्ट के प्रावधानों का उल्लंघन करता पाया गया तो पंजाब सरकार उस स्कैन सेंटर का रजिस्ट्रेशन तुरंत रद्द कर देगी।
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