सोमवार रात्रि हुआ मंजीत कौर का निधन, साध-संगत ने दी अंतिम विदायी
- पुत्रवधू व बेटियों ने दिया अर्थी को कंधा
ओढां (सच कहूँ/राजू)। डेरा सच्चा सौदा के अनुयायी मरकर भी इंसानियत के काम आते हैं। 60 वर्षीय मंजीत कौर इन्सां बेशक इस संसार से चली गईं, लेकिन उनकी आंखें दो अंधेरी जिंदगियों में उजाले का सबब बनेंगी। साध-संगत ने इलाही नारे ‘धन-धन सतगुरु तेरा ही आसरा’ के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी। ब्लॉक श्री जलालआणा साहिब के गांव कालांवाली निवासी अजैब इन्सां की पत्नी मंजीत कौर इन्सां सोमवार रात्रि सचखंड जा विराजीं।
यह भी पढ़ें:– बच्चों पर हमेशा ध्यान रखो: पूज्य गुरु जी
वे पिछले कुछ समय से अस्वस्थ चल रही थीं। परिजनों ने पूज्य गुरु जी की पावन प्रेरणाओं पर चलते हुए उनकी आंखें इंसानियत हित में दान कर दीं। वहीं डेरा सच्चा सौदा की मुहिम बेटा-बेटी एक समान के तहत उनकी अर्थी को कंधा उनकी पुत्रवधू मंदीप कौर इन्सां व अमनदीप कौर इन्सां तथा बेटी बलजीत कौर व जसवीर कौर ने दिया। इस मौके पर उपस्थितजनों ने आंखें दान करने पर परिजनों की सराहना करते हुए कहा कि इससे न केवल नेत्रहीन लोगों की जिंदगी में उजाला फैलेगा बल्कि समाज में भी बड़ा उदाहरण प्रस्तुत होगा।
इस मौके पर ब्लॉक श्री जलालआणा साहिब की कमेटी व साध-संगत ने विनती भजन के उपरांत इलाही नारे के साथ मंजीत कौर इन्सां को अंतिम विदाई दी। ब्लॉक प्रेमी सेवक सुरजीत इन्सां ने कहा कि मंजीत कौर इन्सां ने परमपिता शाह सतनाम जी महाराज से नाम शब्द लिया हुआ था। उक्त परिवार सेवा कार्यों में हमेशा अग्रणी रहता है। मंजीत कौर इन्सां हमारे बीच में नहीं रहीं, लेकिन उनकी आंखें हमेशा दुनिया देखती रहेंगी। मंजीत कौर इन्सां की कमी ब्लॉक में हमेशा महसूस रहेगी। इस मौके पर मंडी कालांवाली से काफी संख्या में गणमान्य व्यक्ति भी मौजूद रहे।
अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और Twitter, Instagram, LinkedIn , YouTube पर फॉलो करें।