विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह ने कहा कि एक्स्ट्राडीशन आसान नहीं
लंदन: भगोड़े बिजनेसमैन विजय माल्या (61) के एक्स्ट्राडीशन (प्रत्यर्पण) के मामले में मंगलवार को यहां वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट में सुनवाई होगी। क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस भारत का पक्ष रखेगी।
इससे पहले अप्रैल में सुनवाई हुई थी। तब स्कॉटलैंड यार्ड ने माल्या को कोर्ट में पेश किया था। गिरफ्तारी के तीन घंटे बाद ही माल्या को 4.5 करोड़ रुपए के बॉन्ड और पासपोर्ट जमा करने की शर्त पर जमानत मिल गई थी। बता दें कि माल्या पर 17 बैंकों के 9,432 करोड़ रुपए बकाया हैं। उधर, विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह ने कहा कि एक्स्ट्राडीशन आसान नहीं है।
7 फेज से गुजरना होगा
- सीबीआई को ब्रिटिश कोर्ट में साबित करना होगा कि माल्या पर लगे आरोप ब्रिटेन के कानून के तहत भी अपराध हैं।
- अगर आरोप साबित होते हैं तो ब्रिटिश कोर्ट एक्स्ट्राडीशन का ऑर्डर दे सकता है।
- अगर जांच एजेंसियां आरोप साबित नहीं कर सकीं तो एक्स्ट्राडीशन की उम्मीदों को झटका लग सकता है।
- एक्स्ट्राडीशन सुनवाई के बाद आखिरी फैसला फॉरेन मिनिस्ट्री को करना होता है।
- माल्या के पास मजिस्ट्रेट कोर्ट के फैसले को हायर कोर्ट में चुनौती देने का हक होगा।
- लंदन कोर्ट यह भी तय करेगी कि क्या माल्या का एक्स्ट्राडीशन उनके ह्यूमन राइट्स का वॉयलेशन तो नहीं करता।
- ऐेसे में माल्या को भारत लाने में भारतीय एजेंसी को कम से कम 10 से 12 महीने का समय लग सकता है।
Hindi News से जुडे अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और Twitter पर फॉलो करें।