नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को भारत छोड़ो आंदोलन की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर जनप्रतिनिधियों से दलगत राजनीति से ऊपर उठकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के सपनों का भारत बनाने का आह्वान करते हुए कहा कि देश से गरीबी, अशिक्षा, कुपोषण और भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए हमें 1942 के आंदोलन की दृढ़ इच्छाशक्ति को पुनर्जीवित करना होगा। मोदी ने लोकसभा में अगस्त क्रांति की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर अपने विशेष संबोधन में यह बात कही। उन्होंने कहा कि राजनीति से ऊपर राष्ट्रनीति होती है। इसलिए, यदि हम सब मिलकर संकल्प लें तो समस्त चुनौतियों का समाधान निकाल सकते हैं। इस अभियान में हम अकेले नहीं हैं। सवा सौ करोड़ भारतीयों का विश्वास हमारे साथ हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि
प्रधानमंत्री ने कहा कि जरूरत सिर्फ दृढ़ इच्छा शक्ति और संकल्प की है। आज वैश्विक हालात और अवसर भारत के अनुकूल हैं। पूरी दुनिया भारत की ओर बड़ी उम्मीद से देख रही है। ऐसे में हमें इस अवसर का पूरा लाभ उठाते हुए विश्व को नेतृत्व प्रदान करने की भूमिका में आना है और एक ऐसे भारत का निर्माण करना है जो विकासशील और समृद्ध होने के साथ ही सबके हित और सबको समान अवसर देने की भूमिका में हो।
मोदी ने इस अवसर पर स्वाधीनता आंदोलन के बलिदानियों का नमन करते हुए कहा कि बाल गंगाधर तिलक ने नारा दिया था कि स्वराज मेरा जन्म सिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूंगा। उन्होंने कहा कि आज हमें यह नारा देना है कि हम सब मिलकर देश से भ्रष्टाचार दूर करेंगे और करके रहेंगे, गरीबों को उनका अधिकार दिलाएंगे और देकर रहेंगे, कुपोषण की समस्या खत्म करेंगे और करके रहेंगे, महिलाओं की बेड़यिां तोड़ेंगे और तोड़कर रहेंगे, अशिक्षा खत्म करेंगे और करके रहेंगे।
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