“हेल्थ फॉर ऑल” को जीवन का ध्येय बनाएं: सीएमओ

आमजन भी लें बेहतर स्वास्थ्य का प्रण

  • डब्ल्यूएचओ ने “हेल्थ फॉर ऑल” रखी है विश्व स्वास्थ्य दिवस की थीम

गाजियाबाद (सच कहूँ/रविंद्र सिंह)। प्रत्येक वर्ष विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के स्थापना दिवस को विश्व स्वास्थ्य दिवस के रूप में मनाया जाता है। (Ghaziabad) सात अप्रैल, 1948 को विश्व स्वास्थ्य संगठन की स्थापना हुई थी। दो वर्ष बाद 1950 से प्रत्येक वर्ष डब्ल्यूएचओ के स्थापना दिवस के मौके पर “विश्व स्वास्थ्य दिवस” का आयोजन किया जाता है। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य आम जन को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना है।

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मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. भवतोष शंखधर ने बताया कि डब्ल्यूएचओ की ओर से इस बार विश्व स्वास्थ्य दिवस की थीम “हेल्थ फॉर ऑल” रखी गई है। उन्होंने सभी चिकित्सा अधिकारियों का आह्वान किया किया है- विश्व स्वास्थ्य दिवस की थीम को अपने जीवन का ध्येय बनाते हुए काम करें और प्रयास करें कि किसी भी व्यक्ति को स्वास्थ्य सेवाओं के लिए परेशान न होना पड़े।

सीएमओ ने की अपील

सीएमओ डॉ. भवतोष शंखधर (Dr. Bhavtosh Shankhdhar) ने जनपद वासियों से अपील की है कि सेहत के प्रति संजीदा रहें। स्वस्थ जीवन शैली अपनाएं। नियमित रूप से व्यायाम करें। कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए तमाम संक्रामक रोगों से अपना बचाव करें। हर व्यक्ति यह प्रण ले कि उसके कारण उसके अपने संक्रमित न होने पाएं। इस प्रण से हमें 2025 तक टीबी मुक्त भारत का प्रधानमंत्री का संकल्प पूरा करने में भी मदद मिलेगी। उन्होंने कहा क्षय रोगी सार्वजनिक जगहों पर जाते समय मास्क पहनकर टीबी संक्रमण के फैलाव को रोकने में अपनों की और स्वास्थ्य विभाग की बहुत बड़ी मदद कर सकते हैं।

संक्रामक होती है फेफड़ों की टीबी

सीएमओ ने बताया कि फेफड़ों की टीबी संक्रामक होती है। रोगी के खांसने-छींकने से निकलने वाले ड्रॉपलेट्स से यह सांस के जरिए दूसरों में फैलती है। उपचार के अभाव में एक क्षय रोगी से 10 से 15 लोगों को टीबी का संक्रमण फैल सकता है। समय से उपचार शुरू कर और मास्क का प्रयोग कर संक्रमण के फैलाव को रोका जा सकता है। क्षय रोग विभाग द्वारा उपलब्ध कराया जा रहा उपचार शुरू करने के मात्र दो सप्ताह बाद ही क्षय रोगी के संपर्क में आने वालों को संक्रमण का खतरा बहुत कम हो जाता है।

यह लक्षण आने पर टीबी की तुरंत जांच कराएं

एक सप्ताह से अधिक खांसी रहने, खांसते समय बलगम आने, शाम के समय बुखार होने, वजन कम होने, सीने में दर्द होने और रात में सोते समय पसीना आने पर टीबी की जांच अवश्य कराएं। (Ghaziabad) जनपद में सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर यह सुविधा उपलब्ध है। जांच में टीबी की पुष्टि होने पर उपचार के साथ ही सरकार हर माह रोगी के खाते में निक्षय पोषण योजना के तहत पांच सौ रुपए का भुगतान उसके अच्छे खानपान के लिए करती है।

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