प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर फिट इंडिया मूवमैंट प्रत्येक नागरिक को स्वस्थ रहने का संदेश दिया है। देश के महान खिलाड़ी व हाकी के जादूगर मेजर ध्यान चंद का जन्मदिन राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह बेहद आवश्यक था कि देश के नागरिकों के स्वास्थ्य के लिए सरकारी स्तर पर कोई मुहिम चलाई जाए। हमारे से पहले अमेरिका और आॅस्ट्रेलिया ने अपने आलसी नागरिक को योग व कसरत से जोड़ने के लिए एक मुहिम चलाई हुई है। जहां तक भारत का संंबंध है बढ़ रही तकनीक के कारण व्यक्ति का जीवन आराम वाला बन गया है।
यातायात के साधनों ने पैदल चलने व साइकिल चलाना जीवन से गायब कर दिया है। शुगर व दिल के रोगों ने बड़ी संख्या में जनसंख्या को घेर लिया है। कई देश साइकिल को दोबारा सोशल स्टेटस बनाने की मुहिम चला रहे हैं। उन्होंने साइकिलों के लिए अलग ट्रैक बनाए हुए हैं। हमारे देश में यह प्रयास अभी काफी सीमित हैं। यह सच्चाई है कि स्वस्थ नागरिक ही मजबूत देश का निर्माण करते हैं लेकिन यह भी वास्तविक्ता है कि सरकारी स्तर पर चलाई जाती अधिकतर मुहिमें केवल उस दिन तक सीमित रह जाती है। यह दिन केवल औपचारिकता बनकर रह जाते है।
यदि केंद्र के साथ राज्य सरकारें लोगों के चयनित नुमाइंदे और अधिकारी भी पूरी इच्छाशक्ति से काम करें तो बेहद परिणाम सामने आ सकते हैं। भारत की इस पहल से योग दिवस को अंतरराष्ट्रीय दिवस का दर्जा मिल गया है। 21 जून को योग विदेशों में भी करवाया जाता है। उसे दैनिक जीवन में शामिल किया जाना चाहिए। राजनीतिक पैंतरेबाजी भी ऐसी मुहिमों में रुकावट बनती हैं। यूं भी स्वस्थ राष्ट्र के साथ-साथ सबका सरोकार है। केंद्र सरकार ने नई मुहिम चलाकर अच्छा काम किया है। बेहतर हो यदि महानगरों से लेकर गांव स्तर पर कसरत के लिए बुनियादी ढांचा मुहैया करवाया जाए। पार्कों में जिम का निर्माण करवाया जाए। कई गांवों में लोगों ने अपनी जेब से पैसे खर्च कर जिम बनवाए हैं। खेल दिवस के अवसर पर खेल नीतियां और खेल कार्यक्रमों का ऐलान भी जरूरी है ताकि खिलाड़ियों को उत्साह मिल सके। मेजर ध्यानचंद जैसे खिलाड़ियों की आज देश को जरूरत है क्योंकि ओलंपिक में हमारे पदकों की संख्या घट रही है।