-सतविंद्र सिंह सिद्धु एजुकेटर व रिंकी एजुकेशन प्लेटफार्म
आज के समय में डिस्टेंस एजुकेशन की तरफ रुझान तेजी से बढ़ रहा है। यह क्षेत्र छात्रों की पहली पसंद बनती जा रही है इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं पहला कारण तो यह है कि छात्रों के नजदीक के विद्यालय में उनके मनपसंद का कोर्स ना मिलना और डिस्टेंस एजुकेशन के द्वारा आप कई यूनिवर्सिटी से आपके मनपसंद के कोर्स कर सकते हैं और इसके लिए आपको प्रवेश परीक्षा जैसी कठिन परीक्षाओं का सामना भी नहीं करना पड़ता ताकि आपके समय और पैसे दोनों की बचत होती है।
कई मामलों में यह देखा गया है कि बच्चे कॉलेज एवं यूनिवर्सिटी में दाखिला लेने के लिए प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी करते हैं और उन प्रवेश परीक्षाओं में सफलता न मिलने से उनका साल खराब होने के मामले भी देखें गए हैं। दूसरी तरफ डिस्टेंस एजुकेशन उन छात्रों के लिए वरदान साबित हुई है जो छात्र सरकारी नौकरी की प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करते हैं, क्योंकि वे परीक्षाओं की तैयारी करते वक्त कॉलेज में जाने की बजाए कोचिंग सेंटर में जाना होता है। इसमें वह अपनी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी भी करते रहते हैं और साथ में उनकी स्नातक (ग्रेजुएशन) की पढ़ाई भी डिस्टेंस एजुकेशन माध्यम से चालू रहती है।
इससे उनकी शिक्षा पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता और जो छात्र आर्थिक समस्याओं का सामना कर रहे हैं उन्हें 12वीं के बाद नौकरी करनी पड़ती है। उन छात्रों के लिए भी डिस्टेंस एजुकेशन एक बहुत ही अच्छा विकल्प है ताकि वह अपनी नौकरी के साथ-साथ अपनी पढ़ाई जारी रख सकते हैं। जो छात्र शारीरिक रूप से फिट नहीं होते और उन्हें कॉलेज या यूनिवर्सिटी जाने में समस्या होती है वह डिस्टेंस एजुकेशन के माध्यम से घर पर रहकर भी पढ़ाई कर सकते हैं यह उनके लिए एक अच्छा विकल्प है।
डिस्टेंस एजुकेशन क्या है:
डिस्टेंस एजुकेशन को हम शुद्ध हिंदी में दूरस्थ शिक्षा कहते हैं और इसका अर्थ होता है कि ऐसी शिक्षा जिसे दूर से सीखा जा सके, डिस्टेंस एजुकेशन में आपको शिक्षण संस्थान जैसे कि कॉलेज या यूनिवर्सिटी में जाने की आवश्यकता नहीं होती बल्कि आप घर पर रहकर अपनी शिक्षा ग्रहण कर सकते हैं। इस शिक्षा प्रणाली के अधीन यूनिवर्सिटी द्वारा आपको शिक्षण सामग्री उपलब्ध करवाई जाती है। समय-समय पर आॅनलाइन कक्षाएं भी लगाई जाती है और आॅनलाइन कक्षाओं के द्वारा छात्रों को दिशा निर्देश भी दिए जाते हैं कि उन्हें किस तरह अपनी पढ़ाई करनी है।
डिस्टेंस एजुकेशन का उद्देश्य:
भारत में ऐसे कई योग्य छात्र हैं जो पढ़ने के इच्छुक हैं और उनके सामने कई प्रकार की समस्याएं होती हैं जिस कारण वे रेगुलर कॉलेज या यूनिवर्सिटी में नहीं जा पाते तो इन्हीं छात्रों को डिस्टेंस एजुकेशन के द्वारा शिक्षा ग्रहण करने की सुविधा प्रदान की जाती है, ताकि वे अपने सपनों को साकार कर सकते हैं, डिस्टेंस एजुकेशन के द्वारा श्रमिकों, गृहणियों, नौकरी पेशा इत्यादि वर्ग को शिक्षा ग्रहण करने का अवसर दिया जाता है।
डिस्टेंस एजुकेशन में विशेष योगदान:
प्रोफेसर जी राम रेड्डी को डिस्टेंस एजुकेशन का आर्किटेक्ट माना जाता है और जी राम रेड्डी को ही डिस्टेंस एजुकेशन का पिता माना जाता है। वे 1985 से लेकर 1990 तक इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर रहे और जी राम रेड्डी ही इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी के पहले वाइस चांसलर भी हैं। वे 1982 से लेकर 1985 तक वह आंध्र प्रदेश ओपन यूनिवर्सिटी के पहले वाइस चांसलर रहे। भारत के पूर्व शिक्षा मंत्री डॉक्टर के ए श्रीमाली ने भी डिस्टेंस एजुकेशन में बहुत बड़ा योगदान दिया है, पूर्व शिक्षा मंत्री ने डिस्टेंस एजुकेशन की आवश्यकता को समझा और क्षेत्र में काम करने के लिए अनेक टीमों का गठन किया जिससे डिस्टेंस एजुकेशन को भारत के कोने कोने में लेकर जाने में मदद मिली।
डिस्टेंस एजुकेशन की मान्यता संबंधी:
डिस्टेंस एजुकेशन यूनिवर्सिटी ग्रांट कमिशन (यूजीसी) द्वारा पूर्ण तौर पर मान्यता प्राप्त है डिस्टेंस एजुकेशन से डिग्री प्राप्त करने के बाद छात्र किसी भी सरकारी या प्राइवेट नौकरी के लिए आवेदन कर सकते हैं। डिस्टेंस एजुकेशन से किए गए कोर्स की मान्यता किसी भी अन्य तरह से किए गए डिग्री कोर्स से कम नहीं आंकी जा सकती है।
डिस्टेंस एजुकेशन की विशेषताएं:
- डिस्टेंस एजुकेशन द्वारा आपको किसी भी शिक्षण संस्थान में जाकर पढ़ने की जरूरत नहीं आप अपने घर पर अपनी पढ़ाई कर सकते हैं।
- इंटरनेट के प्रयोग से घर पर ही आॅनलाइन क्लास लगवा सकते है।
- विद्यार्थी अपनी आवश्यकता के अनुसार पढ़ने के लिए अपना टाइम टेबल बना सकते हैं।
- कॉलेज या यूनिवर्सिटी में रहकर पढ़ने की बजाय डिस्टेंस एजुकेशन काफी सस्ती शिक्षा की सुविधा देता है।
- छह महीने या एक साल के बाद होने वाली परीक्षाओं के केंद्र छात्रों के नजदीक बनाए जाते हैं।
- डिस्टेंस एजुकेशन में दाखिला लेने की प्रक्रिया काफी आसान है जिससे आप आॅनलाइन दाखिला ले सकते हैं।
- ज्यादातर यूनिवर्सिटी में छात्रों की संख्या की कोई सीमा नहीं होती जिससे सभी छात्र बिना प्रवेश परीक्षाओं के दाखिला ले सकते हैं।
- डिस्टेंस एजुकेशन में दाखिला लेने के लिए कोई उम्र सीमा नहीं होती जिससे किसी भी उम्र का व्यक्ति पढ़ सकता है।
- डिस्टेंस एजुकेशन के द्वारा सामान्य कोर्स के साथ-साथ आप कई प्रकार के वोकेशनल कोर्स भी कर सकते हैं जिनकी फीस बहुत कम होती है जिसे कोई भी व्यक्ति इन कोर्स में दाखिला ले सकता है।
नौकरीपेशा व्यक्तियों के लिए डिस्टेंस एजुकेशन वरदान की तरह साबित हुई है क्योंकि नौकरी पेशा व्यक्ति अपनी आगे की पढ़ाई करना चाहते थे जिन्हें डिस्टेंस एजुकेशन ने यह सुविधा दी है।
डिस्टेंस एजुकेशन की सुविधा प्रदान करने वाले संस्थान :
1. इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी : यह भारत में डिस्टेंस एजुकेशन की सुविधा देने वाले विश्वविद्यालयों में से सबसे बड़ी यूनिवर्सिटी है, इसकी स्थापना 1985 में हुई थी और इस यूनिवर्सिटी से लाखों छात्र डिस्टेंस एजुकेशन माध्यम से शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं और इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी के 67 रीजनल सेंटर भी है जो छात्रों को सुविधाएं प्रदान करते हैं। यह यूनिवर्सिटी भारत की सबसे प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी में से एक है। इस यूनिवर्सिटी द्वारा डिस्टेंस एजुकेशन के माध्यम से सैकड़ों कोर्स करवाए जाते हैं, जिनमें आप आॅनलाइन एवं आॅफलाइन दोनों प्रकार से दाखिला ले सकते हैं।
2. पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़: करीब 550 एकड़ में बनी यह यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ में स्थित है। यह यूनिवर्सिटी यूजीसी एनएएसी एआईयू द्वारा मान्यता प्राप्त है और इस यूनिवर्सिटी द्वारा डिस्टेंस एजुकेशन के माध्यम से अनेक कोर्स करवाए जाते हैं जिनके लिए आप एडमिशन आॅनलाइन भी ले सकते हैं।
3. दिल्ली यूनिवर्सिटी: सबसे पहले डिस्टेंस एजुकेशन की सुविधा इसी यूनिवर्सिटी ने दी थी और आज लाखों छात्रों को डिस्टेंस एजुकेशन के द्वारा शिक्षा प्रदान कर रही है। इस यूनिवर्सिटी से शिक्षा प्राप्त करने के लिए आप आॅनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
कुछ अन्य यूनिवर्सिटी:
- चौधरी देवी लाल यूनिवर्सिटी, सिरसा
- गुरु जंभेश्वर यूनिवर्सिटी, हिसार
- कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी, कुरुक्षेत्र
- महा ऋषि दयानंद यूनिवर्सिटी, रोहतक मानव रचना इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी, फरीदाबाद
- गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी, अमृतसर
- लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी,
- फगवाड़ा पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी,
- जालंधर पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला,
- थापर यूनिवर्सिटी, पटियाला
डिस्टेंस एजुकेशन द्वारा किए जाने वाले कोर्स:
- बैचलर आॅफ साइंस
- बैचलर आॅफ कॉमर्स
- बैचलर आॅफ आर्ट्स (इकोनॉमिक्स / हिस्ट्री / पॉलिटिकल साइंस / साइकोलॉजी आॅनर्स)
- बैचलर आफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन
- बैचलर आॅफ सोशल वर्क
- बैचलर आॅफ एजुकेशन
- बैचलर आॅफ कंप्यूटर एप्लीकेशन
- बैचलर आॅफ इकोनॉमिक्स
- बैचलर आॅफ लाइब्रेरी एंड इनफॉरमेशन साइंस
- डेहरी टेक्नोलॉजी में डिप्लोमा
- न्यूट्रिशन एंड हेल्थ एजुकेशन में डिप्लोमा
- वॉटर शेड मैनेजमेंट में डिप्लोमा
- पैरा लीगल प्रैक्टिस में डिप्लोमा
- एलिमेंट्री एजुकेशन में डिप्लोमा
- टूरिज्म स्टडी में डिप्लोमा
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