Mahavir Jayanti 2025: गूंजे ‘अहिंसा परमो धर्म’ के जयकारे

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Mahavir Jayanti 2025: गूंजे 'अहिंसा परमो धर्म' के जयकारे

महावीर जयंती पर निकाली शोभायात्रा, सामाजिक समरसता का दिया संदेश

Mahavir Jayanti 2025: हनुमानगढ़। भगवान महावीर स्वामी की जन्म जयंती के उपलक्ष्य में गुरुवार को सकल जैन समाज की ओर से टाउन शहर में शोभायात्रा निकाली गई। शोभायात्रा ने पूरे शहर को आध्यात्मिकता और अहिंसा के संदेश से भर दिया। समाज के नागरिकों में शोभायात्रा को लेकर विशेष उत्साह और आस्था का माहौल देखने को मिला। यह शोभायात्रा सेन्ट्रल पार्क के पास स्थित भगवान शांतिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर, पंजाबी मोहल्ला से आरंभ होकर यातायात थाना, लालाजी चौक, हिसारिया मार्केट, इन्द्रा चौक, सुभाष चौक से होते हुए भटनेर दुर्ग के पास स्थित तेरापंथ भवन एवं सथाकवासी सभा भवन में पहुंचकर सम्पन्न हुई।

समाज के युवाओं, महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों ने बढ़-चढक़र हिस्सा लिया

शोभायात्रा में समाज के युवाओं, महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों ने बढ़-चढक़र हिस्सा लिया। अहिंसा, संयम और आत्मानुशासन के नारे लगाते हुए प्रभात फेरी ने शहरवासियों को धर्म और नैतिक मूल्यों की याद दिलाई। शोभायात्रा में भगवान महावीर की झांकी को सजाया गया। बैंड-बाजे की मधुर धुनों और भजन-कीर्तन के बीच समाज के नागरिक जय महावीर और अहिंसा परमो धर्म के नारे लगाते हुए चल रहे थे। मार्ग में कई स्थानों पर शोभायात्रा का स्वागत किया गया। शोभायात्रा के उपरांत दुर्ग स्थित श्री शांतिनाथ भगवान जैन मंदिर में पूजा-अर्चना एवं प्रसाद वितरण का कार्यक्रम हुआ।

समाज के डॉ. पारस जैन ने कहा कि तीर्थंकर महावीर स्वामी न केवल जैन धर्म के महान प्रवर्तक थे, बल्कि वे अहिंसा के मूर्तिमान प्रतीक भी थे। उनका जीवन त्याग, तपस्या और सेवा से परिपूर्ण था। उन्होंने कहा कि महावीर स्वामी ने ऐसे युग में जन्म लिया जब समाज में हिंसा, पशु बलि और जातिगत भेदभाव चरम पर था। ऐसे समय में उन्होंने सत्य, अहिंसा, अपरिग्रह, अस्तेय और ब्रह्मचर्य जैसे पंचशील सिद्धांतों के माध्यम से समाज को नई दिशा दी। उन्होंने बताया कि भगवान महावीर के संदेश को जन-जन तक पहुंचाने, अहिंसात्मक, अपरिग्रह के सिद्धांतों का प्रचार करने व उन्हें जीवन-आचरण में लाने के उद्देश्य से शोभायात्रा निकाली गई। Hanumangarh News

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