Maharashtra। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने उत्तर प्रदेश के शाह सतनाम जी आश्रम बरनावा से आॅनलाइन गुरुकुल के माध्यम से देश के कोने-कोने व विदेशों से जुड़ी साध-संगत को बेपरवाह साईं शाह मस्ताना जी महाराज के पावन अवतार महीने की बधाई दी। इस दौरान आॅनलाइन गुरूकुल के माध्यम से पूज्य गुरू जी ने हरियाणा के रोहतक, राजस्थान के तारानगर, हिमाचल प्रदेश के जवाली, मध्य प्रदेश के आमला व बिजुरी अनूपपुर, महाराष्ट्र के किसान नगर, गुजरात के गांधीधाम, और बिहार के सासाराम में पहुंचे लाखों लोगों का नशा और बुराइयां छुड़वाकर गुरूमंत्र, नाम शब्द दिया। वहीं किसान नगर महाराष्ट्र की साध-संगत ने पूज्य गुरु जी के दर्शन खुशी निहाल हुई। पूज्य गुरु जी साध-संगत से रूबरू हुए। पूज्य गुरु जी के दर्शन कर साध-संगत फुली नहीं समा रही है। साध-संगत ने मानवता भलाई करने का संकल्प दोहराया।
भोजन को चबा-चबा के खाना चाहिए
पूज्य गुरु जी ने खाने को किस प्रकार खाना चाहिए, के बारे में समझाते हुए फरमाया कि जब आप खाना खाते हैं, पहली कोर मुंह में चबा-चबा कर खाएं। आपने कभी बंदर देखा है,नहीं देखा है तो देखना वो खाना खाएगा तो पहले अपने गलाफ में ले जाता है, अंदर नहीं लेकर जाता कभी भी, वो चैक करता है कि मैंने कोई जहरीली चीज तो नहीं खा ली। क्योंकि जीभा के संपर्क में आने से पूरी बॉडी पर असर जल्द होता है। तो उसी तरह पहली कोर जो आप तोड़कर खाते हैं तो पूरा ध्यान केंन्द्रित रखें। हमारे गुरुकुलों में सिखाया जाता था कि पहली कोर जीव-जंतुओंं के लिए रखो और फिर प्रार्थना करके खाओ, ताकि ध्यान केन्द्रित रहे। पहली कोर जब खा रहे हैं तो पता चल जाता है कि स्वाद कैसा है, कहीं जहरीला तो नहीं, कहीं इसमें कुछ ऐसे तत्व तो नहीं जो सेहत को नुकसान पहुंचा देंगे। लेकिन आप तो देखते ही नहीं, उठाया और आधा चबाया, आधा निगल लिया, ऊंट की तरह अंदर। बाद में कुछ भी होता रहे ध्यान तो देते नहीं। जबकि चबा चबा के खाना जरूरी होता है। तो हमारे कहने का मलतब खान पान में जहर हो गया।
सोच रखे पॉजिटिव
पूज्य गुरु जी ने कहा कि इन्सान के अंदर सोच पॉजीटिव होगी तो छोटी सी दवाई भी काम करेगी और दवाई कितनी भी बड़ी ले लो अगर सोच नेगेटिव है तो आप कभी भी ठीक नहीं हो पाएंगे यानी दवा असर नहीं करेगी। तो विल पावर कैसे ग्रहण करनी है, ये साईं मस्ताना जी, शाह सतनाम जी दाता रहबर ने बताया कि, गुरुमंत्र, नाम, मैथ्ड ऑफ मेडिटेशन, कलमा जिसका अभ्यास कीजिए , इसका जाप कीजिए। जैसे-जैसे आप अभ्यास करेंगे, आपके विकार आपसे दूर होंगे।
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