15 फरवरी तक जारी रहेगी प्रदर्शनियां | Maharana Kumbha Jayanti
Edited By Vijay Sharma
उदयपुर (एजेंसी)। महाराणा कुम्भा (Maharana Kumbha Jayanti) की 603 वीं जयंती पर महाराणा मेवाड़ चैरिटेबल फाउण्डेशन, उदयपुर ने कुम्भलगढ़ के ऐतिहासिक दुर्ग, चित्तौडग़ढ़ के कुम्भा महल, वीर भवन, मोती मगरी सहित विभिन्न ऐतिहासिक स्थलों पर महाराणा कुम्भा के जीवनकाल से जुड़े ऐतिहासिक चित्रों व जानकारियों की प्रदर्शनियां लगाई। सभी स्थलों पर यह प्रदर्शनियां 15 फरवरी तक जारी रहेगी।
पर्यटकों व छात्रों को इतिहास से रूबरू करवाना प्रदर्शनी का उद्देशय
महाराणा मेवाड़ चैरिटेबल फाउण्डेशन, उदयपुर के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी भूपेन्द्र सिंह आउवा ने बताया कि फाउण्डेशन की आउटरिच गतिविधियों के तहत यह प्रदर्शनी लगाई गई है। जिनका उद्देश्य वर्ष में मेवाड़ के महाराणाओं और उनके द्वारा जन एवं राज्यहितार्थ में किये गये कार्यों तथा उनके काल की ऐतिहासिक घटनाओं से मेवाड़ में आने वाले देशी-विदेशी पर्यटकों के साथ ही स्थानीय लोगों एवं विद्यार्थियों को भी रू-ब-रू करवाना है।
- महाराणा कुम्भा शिल्पशास्त्र के ज्ञाता एवं प्रसिद्ध कला एवं कलाकारों के संरक्षक भी थे।
- मेवाड़ में लगभग 84 किलों मे से 32 किलों के निर्माण का श्रेय महाराणा कुम्भा को दिया जाता है।
- उसी कारण उन्हें सुदृढ़ मेवाड़ के कीर्ति पुरुष भी कहा गया है।
- मेवाड़ राज्य की सीमाओं को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से आबू में अचलगढ़ व बंसतगढ़ का निर्माण करवाया।
- गोड़वाड़ क्षेत्र से सुरक्षा हेतु अजेय दुर्ग कुम्भलगढ़ का निर्माण करवाया।
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