मदरसा शिक्षक नियुक्ति मामला:  सुप्रीम कोर्ट अगले हफ्ते करेगा सुनवाई

Supreme Court
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मदरसा सेवा कानून 2008 को संविधान के अनुच्छेद 30 का उल्लंघन बताते हुए रद्द कर दिया था (Madrasa teacher appointment case)

नई दिल्ली (एजेंसी)। उच्चतम न्यायालय मदरसों में शिक्षकों की नियुक्ति के मामले (Madrasa teacher appointment case,)  में अपने हालिए फैसले के खिलाफ मदरसा प्रबंधन कमेटी की याचिका पर अगले हफ्ते सुनवाई करेगा। वरिष्ठ अधिवक्त पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद ने मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली खंडपीठ के समक्ष मामले का विशेष उल्लेख किया और त्वरित सुनवाई का अनुरोध किया। खुर्शीद ने दलील दी कि पश्चिम बंगाल मदरसा सेवा आयोग अधिनियम से संबंथित न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वालीं पीठ के गत सोमवार का निर्णय न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय खंडपीठ के फैसले के विरूद्ध है।

  • खुर्शीद ने इस मामले को वृहद पीठ के सुपुर्द करने की मांग की।
  • न्यायमूर्ति बोबडे ने कहा कि वह इस मामले में अगले हफ्ते सुनवाई करेगा।

क्या है मामला:

गौरतलब है कि गत 6 जनवरी को न्यायमूर्ति मिश्रा की पीठ ने मदरसों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए स्वतंत्र आयोग गठित करने से संबंधित पश्चिम बंगाल मदरसा सेवा आयोग अधिनियम 2008 की कानूनी वैधता को सही ठहराया था। खंडपीठ ने कहा था कि अल्पसंख्यक संस्थानों की फंडिंग करने वाली सरकारों और संगठनों को न केवल भर्तियों के लिए अनुशंसा करने का अधिकार होगा, बल्कि नियुक्ति का अधिकार भी होगा। कोलकाता उच्च न्यायालय ने मदरसा सेवा कानून 2008 को संविधान के अनुच्छेद 30 का उल्लंघन बताते हुए रद्द कर दिया था।

  • आयोग के जरिए नियुक्त हुए शिक्षकों और राज्य सरकार ने फैसले को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी थी।
  • अब शीर्ष अदालत ने इस कानून को वैध ठहराया है।

 

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