पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि ऐसे ही बिजनेस, व्यापार है। पैसा लगाया, डूब गया। एक बात, बुरा ना मानना बच्चो। बिजनेस व्यापार में अगर मेहनत की कमाई लगाते हो, हमारी ज़िंदगी का ये तज़ुर्बा है, वो पैसा कभी डूबता नहीं। ये आजमाई बात है। एक बार झटका लग सकता है, लेकिन अगले साल फिर पूरा हो जाएगा। अगर मेहनत का नहीं, ठगी, बेईमानी का है तो फिर तो टैंशन आपको लेनी ही नहीं चाहिए। कैसे नहीं टैंशन नहीं लेनी चाहिए एक उदाहरण आपको बताते हैं। राजस्थान में एक सज्जन थे। ऊँटों का व्यापार वगैरह करते थे। गांव वालों को इतना ज्यादा पता नहीं था। लेकिन राजस्थान में ये देखा हमने अपनी आँखों देखा कि जैसे नया ट्रैक्टर आ गया तो सारा गाँव इकट्ठा हो गया। अच्छा, इसकी तो लाइट जलती है। अच्छा, इसका तो ये होता है। ये 1976 की बात है।
अगर कमाई मेहनत की है तो वो जरूर फलेगी-फूलेगी
एक बार कोई ऊँट ले आया, शाम काटाइम था। गाँव वाले सारे इकट्ठे हो गए। अरे यार क्या खूबसूरत ऊँट है, कितना बढ़िया ऊँट है। पूछा कितने का लाया? वो कहने लगा कि यार ले आया जितने का हुआ। अब गाँव वालों ने ज्यादा नहीं छेड़ा और बोले कि ठीक है भाई बहुत सुंदर ऊँट है, गजब का ऊँट है तेरा। क्योंकि ऊँट ही होता था हल जोतने का मुख्य साधन। पंजाब साइड में बैल वगैरह होते थे और राजस्थान में भी कई जगह बैल होते थे। लेकिन मोस्टली, ऊँट ज्यादा चलते थे। तो अगले दिन सुबह कुछ गाँव दोबारा फिर आए कि यार शाम को तो इतना बढ़िया दिखा नहीं, सुबह जाकर देखते हैं। खाली होते थे, क्योंकि ज्यादा बरसात पर निर्भर था। तो फिर आ गए घर में और देखा कि खाली खूंटा, ऊँट है ही नहीं। अब वो सज्जन बैठा था चुप्प, खामोशी सी में। गाँव वाले कहते कि यार ये क्या कर दिया तूने ऊँट बेच दिया। वो सज्जन कहता, हाँ। गाँव वालों ने पूछा कितने का? तो वो सज्जन कहता कि लगे मोल दे दिया। असल में पता है क्या हुआ? वो बंदा चोर था।
चोरी करके ऊँट लाया, रात को कोई चोर चुरा कर ले गया। तो कहने लगा, लगे मोल दे दिया भाई। तो हे भाई! बुरा ना मानना, अगर बेईमानी से कमाया था तो लगे मोल चला गया, टैंशन किस बात की? हाँ, मेहनत का कमाया है और मेहनत, कड़ा परिश्रम का पैसा है तो हम आपको गारंटी देते हैं, राम-नाम जपते रहो, फिर मेहनत करो, एक बार अगर वो डूबा भी है तो अगली बार दोगुना भी आ सकता है।
ये आजमाई हुर्इं चीजें हैं। पर आत्महत्या किसी चीज का सोल्यूशन (हल) नहीं है। इसलिए आत्महत्या किसी भी कोस्ट पर, किसी भी चीज के लिए, कभी भी ना करो, ना सोचो। इससे बचने का सबसे बड़ा उपाय है ओउम, हरि, अल्लाह, वाहेगुरु, राम का नाम। ये सोल्यूशन, ये दवाई है। राम का नाम, ओउम, हरि, अल्लाह, वाहेगुरु, गॉड, ख़ुदा, रब्ब का नाम अपने-अपने धर्मानुसार आप जाप करें सुबह-शाम, विल पावर (आत्मबल) बढ़ेगा और विल पावर बढ़ेगा तो आप आत्मबल से अपनी गम, चिंता, टैंशन, परेशानियों को आने से पहले की खत्म कर देंगे तो अपने आप ही आत्महत्या का जो रोग है, वो खत्म हो जाएगा।
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