कोलंबो में गैस स्टेशनों के बाहर कारों की मीलो लम्बी कतारे
कोलंबो (एजेंसी)। श्रीलंका की वाणिज्यिक राजधानी कोलंबो में गैस स्टेशनों पर ईंधन भरवाने वाली कारों की मीलों तक लंबी कतारें लगी है और लोग कई दिनों से अपनी बारी आने का इंतजार कर रहे है। स्पुतनिक संवाददाता ने यह जानकारी देते हुये बताया कि कोलंबो में कई गैस स्टेशनों पर मील लंबी लाइनें ज्यादातर टुकटुक (टैक्सी के रूप में काम करने वाले तीन पहियों वाले आॅटो रिक्शा) द्वारा बनाई गयी हैं।
लोग ईंधन भरने के अवसर के लिए कई दिनों तक, कुछ मामलों में पांच दिनों तक प्रतीक्षा करते हैं। स्थानीय निवासियों ने संवाददाता को बताया कि टुकटुक मालिक इस समय अपने रिक्शा में रहते और सोते हैं। इस पिछले सप्ताहांत में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शनों से कोलंबो अस्त व्यस्त गया था।आर्थिक संकट के खिलाफ सरकार की लड़ाई की धीमी गति से जनता के असंतोष के पनप रहा है। उधर खाना बनाने के लिए लोगों को रसोई गैस सिलेंडर नहीं मिल पा रहा है। मजबूरन उन्हें लकड़ी जलाकर खाना बनाना पड़ रहा है।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने की श्रीलंका में हिंसा की निंदा
संयुक्त राष्ट्र (संरा) महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने श्रीलंका में हिंसा की निंदा करते हुए कहा कि संरा कोलंबो (श्रीलंका) के लोगों को शांति हासिल करने में मदद करने के लिए तैयार है। संरा के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने यह जानकारी दी। उन्होंने एक बयान में कहा,‘महासचिव हिंसा के सभी कृत्यों की निंदा करते हैं और जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराने का आह्वान करते हैं, जो शांति बनाए रखने के सर्वोपरि महत्व को रेखांकित करता है। संयुक्त राष्ट्र श्रीलंका और उसके लोगों का समर्थन करने के लिए तैयार है।
दुजारिक ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र श्रीलंका में सरकार के सुचारू परिवर्तन का समर्थन करता है और उस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए ‘सभी हितधारकों’ से बातचीत में शामिल होने का आह्वान करता है। श्रीलंका में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन जारी हैं और प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति के परिसर में जमा हो गए हैं। मुद्रास्फीति के कारण बढ़ती महंगाई, भोजन और बुनियादी आवश्यकताओं की कमी के साथ देश गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहा है।
श्रीलंका में हो सकता है राष्ट्रपति का चुनाव 20 जुलाई को
ब्रिटेन से 1948 में आजादी मिलने के बाद श्रीलंका वर्तमान में सबसे भीषण आर्थिक संकट से जूझ रहा है। श्रीलंका में मंत्रिमंडल के सभी सदस्यों ने इस्तीफा दे दिया है और यदि राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे बुधवार को इस्तीफा दे देंगे, तो राष्ट्रपति का चुनाव 20 जुलाई को होगा। पूर्व मंत्री विजेदासा राजपक्षे ने सोमवार को कहा कि यदि राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के इस्तीफा के बाद सर्वदलीय सरकार के गठन का रास्ता साफ हो जाएगा।
उन्होंने कहा, ‘राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए संसद की बैठक के बाद 15 जुलाई को नामांकन की प्रक्रिया शुरू होगी। नामांकन को 19 जुलाई तक स्वीकार किया जाएगा तथा यदि जरूरत पड़ी, तो 20 जुलाई को मतदान होगा। यह तभी संभव हो सकता है, जब राजपक्षे बुधवार को अपना पद से इस्तीफा दे देंगे।
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