लौंग की खेती (clove cultivation) की सिंचाई के लिए बहुत अधिक पानी की आवश्यकता होती है। इसलिए लौंग की खेती के लिए उपयुक्त समय वर्षा ऋतु होता है। बहुत ज्यादा पानी देने में किसान भाई एक बात का ध्यान रखें। लौंग के खेत में पानी का जमाव नहीं होना चाहिए। इससे फसल खराब हो सकती है।
ग्रीष्म ऋतु में सिंचाई ज्यादा करनी होती है। रोपने के बाद एक बार सिंचाई की जानी चाहिए। फिर हफ्ते में दो या दो से अधिक बार सिंचाई करना आवश्यक होता है। शीत ऋतु में पंद्रह दिनों के अंतराल में सिंचाई करना उपयुक्त रहता है।
लौंग के खेत में लौंग के पेड़ जब बारह वर्ष के हो जाते हैं तो वर्ष में एक या दो बार ही सिंचाई करनी पड़ती है। लौंग की खेती कैसे करें के अगले जरूरी पड़ाव यानी खाद के बारे में पढ़ते हैं।
लौंग के खेत के लिए खाद और उर्वरक | (Clove Cultivation)
लौंग के खेत में किसान भाई जैविक खाद का प्रयोग करें। इसके लिए पुरानी गोबर की खाद सर्वोत्तम होती है। पुरानी गोबर के बीस किलो मात्रा के साथ सौ ग्राम NPK (एनपीके) भी खेत रोपने से पहले डाल दें। वैसे लौंग के छोटे पौधों को ज्यादा खाद और उर्वरक की भी आवश्यकता कम ही होती है। पर पौधे की बढ़त के साथ सही समय और सही मात्रा में खाद और उर्वरक डालना आवश्यक होता है। किसान भाई हर तीन महीने के अंतराल से खाद डाल सकते हैं। खाद डालने से पौधे की लंबाई अच्छी होगी और लौंग के फूल लंबे समय तक आएंगे।
लौंग के पौधे का रखरखाव
अमूमन लौंग की खेती का ये एक बड़ा फायदा है की लौंग के पौधे को रोग कम ही लगता है। इसके लिए बेहतर रखरखाव होना भी आवश्यक है। परंतु लौंग के पत्तों में कीट का लगना सामान्य है। ये कीट पत्ते खा जाते हैं। इसके लिए कीटनाशक का उपयोग किया जा सकता है।
लौंग के पौधे की निराई और गुड़ाई
लौंग के पौधे में से रोगग्रस्त शाखाएं काटनी अति आवश्यक हैं। जब तक पौधा अच्छी तरह से जड़ ना पकड़े उसमे कोई भी अतिरिक्त शाखा न रहने दें। वरना वो शाखाएं पौधे की वृद्धि में बाधक बन जाएंगी। सूखी डालियों को भी पौधे से निष्कासित कर दीजिए। अन्य फसलों की तरह लौंग की निराई और गुड़ाई भी अति आवश्यक है।
लौंग के पौधों को तेज धूप और तेज वर्षा दोनों से बचाएं। लौंग के खेत को छाया मिलना आवश्यक है। क्योंकि शुरुआत में पौधा नाजुक अवस्था में होता है। तेज धूप से वह जल जाएगा और लौंग का खेत पनप नहीं पाएगा। अतिवृष्टि भी लौंग के खेत के लिए नुकसानदेह है। इन बातों का किसान भाई विशेषकर ध्यान दें ताकि उनका लौंग का खेत अच्छी तरह विकसित हो।
लौंग की खेती की कटाई और मुनाफा
कुछ समय के पश्चात जब लौंग के पेड़ पर किसान भाई लाल रंग की कलियां देखेंगे तो उनके जीवन में खुशियों के फूल बरसेंगे। ये लाल कलियां ही लौंग कहलाती है। इसे सावधानी पूर्वक डंठल से तोड़ कर सुखाया जाता है। पूर्ण खिले फूलों का कोई उपयोग नहीं है। तो किसान भाई इस का ध्यान रखें कि कलियों के गुलाबी होते ही जल्दी इन्हे तोड़ लें। लौंग तोड़ते समय भी वृक्ष का ध्यान रखना आवश्यक है। बेकार में शाखाओं को नुकसान न हो वो टूटे न यह गौर करें। अन्यथा उन शाखाओं पर आती हुई कलियां बेकार हो जाएंगी।
एक लौंग के वृक्ष से सालाना दो से तीन किलो लौंग की उपज मानी गई है।
लौंग के पौधों में चार से पांच वर्ष तक लौंग के फूल उगने लगते हैं। यानी पैदावार शुरू होने का समय। लौंग की खेती से किसान भी की तीन पुश्तें कमा सकती हैं। वो इसलिए क्योंकि लौंग के पेड़ की उम्र 150 वर्ष की होती है। लौंग का पेड़ सदाबहार होता है। यानी कई वर्षों तक लौंग ugti है।
एक एकड़ में लौंग की खेती करने पर किसान भाई लाखों की कमाई कर सकते हैं। चार से पांच साल की मेहनत और जीवन भर का मुनाफा और निश्चित कमाई।
लौंग की खेती में अतिरिक्त कमाई
लौंग की खेती में एक समस्या रहती है। वो है समय। लौंग के पौधे को परिपक्व होने में कम से कम चार से पांच साल लग जाते हैं। इस समय के अंतराल में किसान भाई अंतर्वर्ती फसल उगा कर अतिरिक्त कमाई कर सकते हैं। अंतर्वर्ती फसल से हमें संसाधन संरक्षण के उपाय होते हैं
अतिरिक्त बचे खेत का उपयोग होता है
खेत में डाले खाद और उर्वरक का उचित उपयोग होता है | (Laung ki Kheti)
आप लौंग के साथ ही नारियल या अखरोट आदि के पेड़ भी लगा सकते हैं। और इसके अलावा आप खाली बची जमीन पर सब्जियां, दूसरे मसाला फसल और कंदवर्गीय फसल भी उगा सकते हैं लौंग के खेत में किसान भाई अतिरिक्त फसल उगाते समय कुछ बातें ध्यान में रखें। अतिरिक्त फसल बोते समय यह ध्यान दें कि लौंग के खेत को हानि न पहुंचे। यानी लौंग के पौधों की जड़ों को नुकसान न हो। पौधे या फसल लगाने की दूरी अपेक्षाकृत ज्यादा रखें। क्योंकि पौधे के विकसित होने की अवस्था में वह फैलता है और इसी वजह से ज्यादा जगह की आवश्यकता होती है।
निष्कर्ष
लौंग की खेती करने के लिए किसान भाई को सिर शुरुआत में थोड़ा संघर्ष करना होता है। परंतु उसका परिणाम जीवन अवस्था को और भी सुगम बनाती है। हम आशा करते हैं की आपको आपके सभी सवालों का जवाब मिल गया होगा। तो किसान भाई बिना देरी किए अपने खेत को तैयार करें। बीज की व्यवस्था करें और नर्सरी में उन्हें रोपें। सही समय पर उठाया गया कदम आपके लौंग के खेत को लौंग की कलियों से महका देगा। यह महकती प्यारी कलियों आपके जीवन में खूब समृद्धि बरसाएं, यही हमारी कामना है।
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