- राजनीति: ‘आप’ की लोकप्रियता व जनता के समर्थन से घबराए अकाली नेताओं की मुश्किलें भरी राहें, टिकट बंटवारे में असमंजस्य
- जलालाबाद सहित एक दर्जन सीटें भी शामिल
- सुखबीर दो सीटों पर चुनाव लड़ने को लेकर दुविधा में
- जलालाबाद से ‘आप’ नेता भगवंत मान लड़ रहे हैं चुनाव
ChandiGarh, Ashwani Chawla: शिरोमणी अकाली दल अब तक अपने हिस्से की 94 सीटों में से 82 सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर चुका है लेकिन सबसे दिलचस्प बात यह है कि अभी तक पार्टी के दो प्रमुख चेहरों, सीएम प्रकाश सिंह बादल और डि΄टी सीएम व पार्टी प्रधान सुखबीर सिंह बादल के नाम की अभी तक घोषणा नहीं कर सका है। इन दोनों सीटों पर किसी किस्म की कोई चुनौती नहीं है। इसके बावजूद इन सीटों पर किसी के नाम की घोषणा नहीं हो पाई है। इसके अलावा अपनी बेटी का जबरन गर्भ गिराने के आरोप में सजा झेल रही बीबी जागीर कौर को भी भुलत्थ से टिकट देने के मामले में पार्टी फंसी नजर आ रही है। मोहाली, बरनाला सीटें ऐसी हैं जहां पार्टी को अभी तक कोई योग्य उम्मीदवार नहीं मिला है। सुखबीर बादल जिन दो सशक्त उम्मीदवारों को इन सीटों पर उतारना चाहते हैं वे दोनों ही चुनाव लड़ने से पीठ दिखा रहे हैं। भटिंडा की दो सीटें, भटिंडा ग्रामीण और भुच्चो मंडी आंतरिक विवाद के कारण फंसी हुई हैं।
भगवंत-घुबाया के कारण फंसी तीन सीटें
आम आदमी पार्टी ने जलालाबाद सीट पर भगवंत मान को खड़ा कर इसे पंजाब की सबसे हॉट सीट बना दिया है। इसी सीट पर दो बार सुखबीर बादल भारी मतों से जीत चुके हैं। लेकिन इस बार लड़ाई इसलिए भी दिलचस्प है कि जिस राय सिख बिरादरी की वोटों से सुखबीर जीतते रहे हैं उनका नेता शेर सिंह घुबाया इन दिनों अकाली दल से नाराज है और उनके बारे में चर्चा है कि वह किसी भी समय कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। ऐसे में सुखबीर को यह दोहरी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। सुखबीर के सीट बदलने और दो सीटों पर खड़े होने का मैसेज गलत जाने की संभावना को देखते हुए ही अभी तक उनके नाम का ऐलान नहीं हो रहा है। राय सिख बिरादरी की वोट को देखते हुए ही आम आदमी पार्टी ने पहले ही मोहन सिंह फलियांवाला को फिरोजपुर रूरल से टिकट दे दिया है। पार्टी उनकी जलालाबाद में मदद ले सकती है। ऐसा हुआ तो सुखबीर बादल के लिए मुसीबतें खड़ी हो सकती हैं। पार्टी के सूत्रों का कहना है कि इसीलिए धूरी, लंबी और मोहाली की सीट पर अभी तक किसे के नाम की घोषणा नहीं हुई है।
गुलशन से नाराजगी के बीच फंसे कोटफत्ता
भटिंडा ग्रामीण व भुच्चो मंडी पर भी अभी फैसला नहीं हुआ है। दरअसल पूर्व सांसद परमजीत कौर गुलशन को भटिंडा रूरल सीट देने का फैसला हो गया है लेकिन पार्टी की जिला इकाई उनके खिलाफ है। सुखबीर बादल, जिला सिकंदर सिंह मलूका आदि उन्हें टिकट नहीं देना चाहते लेकिन परमजीत गुलशन की पैरवी खुद सीएम प्रकाश सिंह बादल कर रहे हैं। ऐसे में इस सीट के मौजूदा विधायक दर्शन सिंह कोटफत्ता को भुच्चो मंडी शिफ्ट करने का फैसला नहीं हो पा रहा है।
पटियाला सीट से नहीं मिल रहा उम्मीदवार
मोहाली सीट जनरल होने के बावजूद सुखबीर बादल इस सीट पर दलित उम्मीदवार कुलवंत सिंह को उतारना चाहते हैं जो इस समय मोहाली नगर निगम के मेयर हैं। पता चला है कि उन्होंने चुनाव लड़ने से साफ इंकार कर दिया है। उधर, लगभग यही हालत ट्राइटेंड ग्रुप के चेयरमैन राजिंदर गुप्ता का है। सुखबीर बादल बरनाला में एक रैली के दौरान लगभग उनकी सीट घोषित कर आए थे लेकिन राजिंदर गुप्ता ने अभी तक चुनाव लड़ने की हामी नहीं भरी है। उनकी न के बाद संभव है कि पार्टी अपने मौजूदा विधायक प्रेम मित्तल को बरनाला से टिकट दे दे। मित्तल की मानसा से सीट कट चुकी है। पटियाला सीट पर भी पार्टी को उम्मीदवार नहीं मिल रहा है। पिछले उपचुनाव में हिंदू कैंडीडेट भगवान दास जुनेजा को यहां से उतारकर नया प्रयोग किया गया था जो फेल हो गया।
जागीर कौर अपने दामाद के लिए चाहती हैं टिकट
लुबाणा बिरादरी बाहुल भुलत्थ सीट पर भी पार्टी को उम्मीदवार की तलाश है। अकाली दल की दिग्गज नेता बीबी जागीर कौर इस समय इस सीट से विधायक हैं लेकिन उन्हें अपनी बेटी के गर्भ गिराने के केस में सजा होने के कारण मामला फंसा हुआ है। वह अपने दामाद के लिए सीट चाहती हैं लेकिन सर्वे में सीट बीबी जागीर कौर के लिए सुरक्षित बताई जाती है। यह से उनका मुकाबला आम आदमी पार्टी के सुखपाल खैहरा से है। इंद्रबीर बुलारिया के अकाली दल को छोड़कर जाने के बाद, यहां से भी पार्टी को कोई सशक्त उम्मीदवार नहीं मिल रहा है।