चुनावी सर्वे में एनडीए बहुमत से दूर मगर सत्ता के पास

Lok Sabha Elections

आगामी लोकसभा चुनाव में किस पार्टी को मिलेगा लोकतंत्र का ताज इसे लेकर न्यूज चैनलों पर घमासान शुरू हो गया है। लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा के साथ ही टीवी न्यूज चैनलों पर ओपिनियन पोल का जलवा शुरू हो गया है। देश की कई जानी मानीं सर्वे एजेंसियों ने न्यूज चैनलों के साथ मिलकर चुनावी सर्वे का आगाज कर दिया है। लोग भी अपने घरों पर बड़े चाव के साथ इन सर्वे परिणामों को देख कर वाद विवाद करने लगे हंै। टीवी चैनलों पर आ रहे चुनावी सर्वे पर विश्वास करें तो आगामी लोकसभा चुनाव में एनडीए ही जीत के करीब पहुँच कर सत्ता पर काबिज होगा। यूपीए अपनी स्थिति में पहले के मुकाबले सुधार अवश्य करेगा मगर मोदी विरोधी दलों के सहयोग के बावजूद सरकार बनाने में सफल नहीं होगा। इन सर्वे के मुताबिक निर्गुट पार्टियों के पास सत्ता की कुंजी होगी और वे जिसे चाहेंगे उसे लोकतंत्र का ताज पहनाएंगे।

निर्गुट दलों के मोदी के पक्ष में जाने की संभावनाएं भी व्यक्त की जा रही हैं। आधा दर्जन टीवी चैनलों द्वारा कराये गए अलग अलग सर्वे में एबीपी सी-वोटर की ओर से किए गए सर्वे के मुताबिक एनडीए आम चुनाव में बहुमत से थोड़ा दूर रहेगा, लेकिन चुनाव बाद गठबंधन के जरिए आराम से सरकार बना लेगा। वहीं इंडिया टीवी और रिपब्लिक टीवी जैसे चैनल एनडीए के बहुमत की भविष्यवाणी कर रहे हैं। एबीपी न्यूज सी-वोटर, इंडिया टीवी सीएनएक्स, न्यूज नेशन, इंडिया टीवी, रिपब्लिक टीवी, टाइम्स नाउ – वीएमआर सहित आधा दर्जन चैनलों के सर्वे का निचोड़ देखें तो प्रधानमंत्री पद की पहली पसंद आज भी नरेंद्र मोदी बने हुए हैं। वहीं एनडीए पिछले लोकसभा चुनाव के मुकाबले कमजोर स्थिति में है और यूपीए की स्थिति में सुधार परिलक्षित हो रहा है।

एबीपी और न्यूज नेशन के सर्वे के विपरीत इंडिया टीवी- सीएनएक्स और रिपब्लिक टीवी के सर्वे में एनडीए कोे बहुमत मिलने का दावा किया गया है। सर्वे में सपा बसपा महा गठबंधन सहित टीएमसी, टीआरएस, वाईएसआर, बीजू जनता दल भी अपनी मजबूत पकड़ बनाये हुए है। इस बार नरेंद्र मोदी को सत्ता से बाहर रखने के लिए विपक्ष एकजुट होने की कोशिश कर रहा है लेकिन अभी तक स्पष्ट नहीं है कि महागठबंधन की ओर से प्रधानमंत्री पद का दावेदार कौन होगा। विभिन्न न्यूज चैनलों के सर्वे के मुताबिक सत्ताधारी एनडीए को पिछले चुनाव के मुकाबले कम सीटें मिलेंगी लेकिन सबसे बड़े गठजोड़ के रूप में उभर कर बहुमत के करीब पहुंच सकता है। न्यूज चैनलों ने यह अनुमान लगाना भी शुरू कर दिया है की एनडीए लगभग 250 सीटें लाने के बाद अपनी सत्ता कैसे बरकरार रखेगा। चैनलों के मुताबिक बीजू जनता दल, टीआरएस और वाईएसआर के सहयोग से एनडीए एक बार फिर सत्ता पर काबिज हो सकता है। ऐसा होता है तो नरेंद्र मोदी आराम से दोबारा प्रधानमंत्री बन सकते हैं।

पिछले लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में बीजेपी ने सपा और बीएसपी का सूपड़ा साफ कर दिया था। बीजेपी ने 71 और सहयोगी अपना दल ने 2 सीटें जीती थीं। लेकिन इस बार बीजेपी से टकराने के लिए एसपी और बीएसपी साथ आ गए हैं। उत्तर प्रदेश पर सबकी निगाहें लगीं हुईं हैं यहां काफी दिलचस्प अनुमान सामने आ रहा है यहां पर महागठबंधन को भारी बढ़त मिलती दिख रही है। महागठबंधन को यूपी की 80 सीटों में से 40 से 50 सीटें मिलती दिख रही हैं वहीं एनडीए को 30 से 40 सीटें मिलने का अनुमान जताया जा रहा है यूपीए को 2 सीटों पर ही संतोष करना पड़ सकता है। सर्वे के अनुसार इसकी भरपाई पश्चिम बंगाल और उत्तर-पूर्व के राज्यों से होती दिख रही है।

एबीपी और सी-वोटर के सर्वे में 543 लोकसभा सीट के लिए होने वाले चुनाव में भाजपा की अगुआई वाले एनडीए को 264 सीट मिलती नजर आ रही है। जबकि यूपीए 141 सीट पर जीत हासिल कर सकती है। अन्य पार्टियों को 138 सीट मिलने की संभावना है। न्यूज नैशन प्रोजक्शन के सर्वे में एनडीए को 268 से 272, यूपीए को 132 से 136 और अन्य को 137 से 141 सीटें दी गई हैं। इंडिया टीवी- सीएनएक्स और रिपब्लिक टीवी के सर्वे में एनडीए कोे बहुमत मिलने का दावा किया गया है। तमाम सर्वे में प्रधान मंत्री मोदी मतदाताओं की आज भी पहली पसंद बने हुए हैं। अन्य सर्वे में भी यूपीए की ताकत में इजाफा बताया गया है मगर सत्ता की चाबी के नजदीक एनडीए को बताया गया है। सर्वे के मुताबिक नवीन पटनायक, केसीआर और जगन रेड्डी को किंगमेकर के रूप में दर्शाया गया है। चुनाव बाद इन तीनों के मोदी के पक्ष में जाने की अधिक संभावनाएं व्यक्त की गयी हैं।

बाल मुकुन्द ओझा

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