Lockdown Effect | 22 दिन में हादसे घटे, बच गई 300 जिदंगियां!
चंडीगढ़(अश्वनी चावला/सच कहूँ )। कोरोना की रफ्तार हरियाणा में लगभग थम सी चुकी है। भले ही इस वायरस के खौफ से लोग अपने घर में बैठे हो। परंतु इसी डर के चलते हरियाणा में रोजाना बेशकीमती जिंदगियां बच रही हैं। लॉकडाउन लागू होने से पहले तक प्रदेश की सड़कों पर वाहन जनित हादसों में रोजाना 14 लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ रहा था। लेकिन पिछले 22 दिनों से लॉक डाउन के चलते हरियाणा में इक्का-दुक्का को छोड़ कर ज्यादा सड़क हादसे नहीं हुए हैं। इसके चलते इन 22 दिनों में हरियाणा में लगभग 300 लोगों की जिंदगियां बच चुकी है। यह कहना कतई गलत नहीं होगा कि हरियाणा में कोरोना के खौफ ने कई लोगों की जिदंगियां बचा ली है।
प्रदेश में दुघटनाओं से रोजाना जा रही थी 14 लोगों की जान
केन्द्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय से मिले आंकड़ों के अनुसार हरियाणा में पिछले 10 सालों के दौरान आंकड़ों के तहत हर साल लगभग 11300 सड़क हादसे होते थे और इन सड़क हादसों में 5120 के लगभग लोगों को अपनी जिंदगियां से हाथ धोना पड़ता था। वहीं हादसों के चलते करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है। हरियाणा में कई बार अलग-अलग स्थितियों के चलते कर्फ्यू तो लगे हैं, लेकिन इनमें सड़क हादसों में गिरावट नजर नहीं आई है।
लेकिन पिछले 22 दिन से कोरोना के डर से लोग अपने घरों में बैठे हैं। लॉकडाउन के चलते पुलिस के डर के कारण लोग घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं। जिस कारण हरियाणा के स्टेट हाईवे से लेकर नेशनल हाईवे पूरी तरह बंद होने के चलते वीरान पड़े हैं। इसका फायदा हरियाणा के लोगों को ही पहुंच रहा है, क्योंकि इस अवधि के दौरान सड़क हादसों में 99 फीसदी गिरावट दर्ज की गई है।
22 दिनों में हुए सिर्फ 3 हादसे
हरियाणा में होने वाले औसतन सालाना 11300 हादसों के अनुसार रोजाना औसतन 31 व इन 22 दिनों में 682 सड़क हादसे हो चुके होते। लेकिन 22 दिनों में मात्र 3 सड़क हादसे ही दर्ज किए गए हैं। जिनमें 8 की जान गई है। गुरुग्राम में ट्रक के नीचे कुचले जाने वाले 5 प्रवासी भी इसी सूची में शामिल है। जबकि इक्का दुक्का और हादसों को छोड़ कर कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ है। जिसके चलते पिछले 22 दिनों से औसत 300 लोगों की जान हरियाणा में बच गई।
कार-जीप व दोपहिया वाहन जनित हादसों में ज्यादा मौतें
हरियाणा में अभी तक पिछले सालों के आंकड़ों के अनुसार सड़क हादसों के दौरान सबसे ज्यादा मौतें कार व जीप सहित दोपहिया वाहन चालकों की हुई हैं। औसत आंकड़ों के अनुसार हरियाणा में कार व जीप से हर साल औसत 3103 और दोपहिया वाहनों में औसत 2228 लोग हरियाणा की सड़कों पर मौत का शिकार हो रहे हैं, जबकि इसके मुकाबले बस व आॅटो रिक्शा सहित अन्य कारणों से होने वाली मौत की औसत दर काफी ज्यादा कम है।
मरने वालों में ज्यादातर 25 से 45 साल आयु के
हरियाणा की सड़कों पर मौत का शिकार ज्यादातर युवा ही हुए हैं और इनमें 25 से लेकर 45 साल की आयु तक वाले शामिलहैं। अभी तक पिछले सालों के औसत आंकड़ों के अनुसार हर साल 3400 युवा सड़कों पर मौत का शिकार हो रहे हैं। इन मामलों में भी गहन पड़ताल के पश्चात यह सामने आया है कि युवाओं द्वारा वाहन की स्पीड ज्यादा होने के चलते ही ज्यादातर हादसे हुए हैं।
पिछले सालों में किन वाहनों के कारण कितने लोग हुए मौत के शिकार
वाहन मौतें
- कार व जीप 3103
- दोपहिया वाहन 2228
- बस 503
- आॅटो रिक्शा 397
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