चंडीगढ़, 14 नवंबर (वार्ता) हरियाणा के 52 नगर निगमों, नगर परिषदों के आगामी चुनाव राजनीतिक पार्टियों के चुनाव चिन्ह पर लड़ने पर सवाल उठाते हुए एक वकील ने हरियाणा चुनाव आयोग को नोटिस भेजा है।
पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के वकील हेमंत कुमार ने आज यहां जारी बयान में बताया कि कानूनी रूप से स्थानीय निकाय चुनाव राजनीतिक पार्टियों के चुनाव चिन्हों पर नहीं लड़े जा सकते हैं। उन्होंने शुक्रवार को इस संदर्भ में चुनाव आयोग को कानूनी नोटिस भेजा है।
श्री कुमार ने बताया कि स्थानीय निकाय चुनावों में चुनाव अधिकारी प्रत्याशियों को चुनाव चिन्ह दे सकता है पर यह मुक्त चिन्हो की सूची से होता है और राजनीतिक पार्टियों के आरक्षित चुनाव चिन्ह नहीं दिये जा सकते क्योंकि वर्तमान निगम कानूनों में इसका प्रावधान नहीं है।
श्री कुमार ने बताया कि अब तक हरियाणा में आरक्षित पार्टी चुनाव चिन्हों का आबंटन चुनाव चिन्ह (आरक्षण एवं आबंटन) आदेश के अनुसार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि न तो हरियाणा नगर परिषद अधिनियम 1973, और न ही हरियाणा नगर निगम, 1994 में ऐसा कोई प्रावधान है कि स्थानीय निकाय चुनाव राजनीतिक दलों के आधार पर लड़े जा सकते हों। उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में हरियाणा नगर परिषद चुनाव नियम, 1978 और हरियाणा नगर निगम चुनाव नियम में भी इसका कोई जिक्र नहीं है।
श्री कुमार ने बताया कि उन्होंने इस संदर्भ में सितंबर में लिखा था लेकिन उन्हें जवाब दिया गया कि आयोग के पास संविधान के तहत पर्याप्त शक्तियां हैं। श्री कुमार की तरफ से दाखिल सूचना अधिकार अर्जी पर भी यही जवाब दिया गया। एडवोकेट कुमार के अनुसार आयोग को चुनाव करवाने के अधिकारों के संदर्भ में शक्तियां मिली हुई हैं पर वह राज्य के बनाये कानूनों में प्रावधान पर निर्भर करती हैं।
उन्होंने हिमाचल प्रदेश का उदाहरण दिया जहां इसी साल नगर निगम अधिनियम 1994 में संशोधन कर नगर निगम चुनाव पार्टी चुनाव चिन्हों पर लड़ने का प्रावधान किया गया जिसके बाद धर्मशाला, पालनपुर, मंडी व सोलन निगमों के चुनाव पार्टी चुनाव चिन्हों पर करवाए गये।
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