नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को संकेत दिया कि केन्द्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में स्थानीय निकायों को विकास एवं लोकतांत्रिक प्रक्रिया में अग्रणी भूमिका दी जाएगी। प्रधानमंत्री ने लद्दाख को एक काॅर्बन निरपेक्ष क्षेत्र के रूप में पहचान देने की घोषणा की। मोदी ने देश के 74वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से देशवासियों को संबोधित करते हुए जम्मू कश्मीर से संविधान के अनुच्छेद 370 एवं 35 ए हटाने तथा उसे जम्मू कश्मीर एवं लद्दाख के दो भागों में बांट कर केन्द्र शासित प्रदेश घोषित किये जाने के बाद वहां बीते एक साल के विकास का उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने कहा, “ये एक साल जम्मू कश्मीर की एक नई विकास यात्रा का साल है। ये एक साल जम्मू कश्मीर में महिलाओं, दलितों को मिले अधिकारों का साल है! ये जम्मू कश्मीर में शरणार्थियों के गरिमापूर्ण जीवन का भी एक साल है।”
उन्होंने कहा, “लोकतंत्र की सच्ची ताकत स्थानीय इकाइयों में है। हम सभी के लिए गर्व की बात है कि जम्मू-कश्मीर में स्थानीय इकाइयों के जनप्रतिनिधि सक्रियता और संवेदनशीलता के साथ विकास के नए युग को आगे बढ़ा रहे हैं।” उन्होंने कहा कि बीते वर्ष लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाकर वहां के लोगों की बरसों पुरानी मांग को पूरा किया गया है। हिमालय की ऊंचाइयों में बसा लद्दाख आज विकास की नई ऊंचाइयों को छूने के लिए आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से सिक्किम ने ऑर्गेनिक राज्य के रूप में अपनी पहचान बनाई है, वैसे ही आने वाले दिनों में लद्दाख भी अपनी पहचान एक कार्बन निरपेक्ष क्षेत्र के तौर पर बनाए, इस दिशा में भी तेजी से काम हो रहा है।
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