एम्स में इतनी कम उम्र में पहली बार हुए अंग दान
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परिजनों की अंगदान के लिए की गई काउंसिलिंग
सच कहूँ/संजय मेहरा, गुरुग्राम/नई दिल्ली। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) (AIIMS) में मात्र पांच साल की बच्ची रोली के चार अंगों का दान हुआ है। बच्ची को एम्स के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया था, जिसे चिकित्सकों ने ब्रेन डेड घोषित कर दिया। बच्ची के परिजन ने काउंसिलिंग के बाद अपनी दिवंगत बच्ची के अंगों को दान करने पर सहमति जताई।
पांच वर्षीय बच्ची रोली के सिर में बंदूक से गोली लगी थी। बीती 28 अप्रैल की सुबह बच्ची रोली को ट्रॉमा सेंटर के न्यूरो सर्जरी विभाग में भर्ती कराया गया। इसके बाद उसकी जरूर जांच की गई। सिटी स्कैन की रिपोर्ट में पता चला कि बच्ची के सिर में ही गोली लगी है। इससे उसका ब्रेन डेड हो गया है। बच्ची को आईसीयू में भी भर्ती किया गया। वहां 12 घंटे तक उस पर नजर रखी गई।
रोली के शरीर से किसी भी तरह की हरकत नहीं होने की सूरत में उसे अगले दिन मृत घोषित कर दिया गया। बच्ची के बाकी अंग सुरक्षित थे। किसी तरह से प्रभावित नहीं हुए थे, ऐसे में बच्ची रोली के नोएडा निवासी पिता हरनारायण प्रजापति की चिकित्सकों ने पहले काउंसिलिंग की। उनके दु:ख में शरीक होकर उन्हें सांत्वना दी गई। अंगदान के बारे में उन्हें विस्तार से बताया गया।
इससे पहले वे अंगदान से अनजान थे। उन्हें कहा गया कि अगर वे रोली के अंगदान करें तो दूसरे बच्चों को जीवन दान मिल सकता है। परिजनों ने इस पर सहमति जताई। उनकी सहमति मिलने के बाद बच्ची के अंग निकालने की प्रक्रिया शुरू की गई। इस मामले में चिकित्सकों का कहना है कि एम्स (AIIMS) के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि मात्र 5 साल की बच्ची के ब्रेन डेड होने पर अंगदान हुए हैं। इन अंगों से उन बच्चों में जीने की उम्मीद जगी है, जिनके किसी न किसी बीमारी से अंग प्रभावित हो रहे हैं।
ट्रॉमा सेंटर न्यूरो सर्जरी विभाग के प्रोफेसर डॉ. दीपक गुप्ता ने बताया कि बच्ची का लीवर ट्रांसप्लांट लखनऊ के 7 साल के एक बच्चे में किया जाएगा। वह इस समय दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती है। किडनी को एक अन्य बच्चे में ट्रांसप्लांट किया जाएगा। दोनों कॉर्निया दो अन्य बच्चों को लगाया जाएगा।
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