- भंडारे को लेकर साध-संगत खासा उत्साह, घर-घर जाकर दे रहे निमंत्रण
- पूज्य गुरु जी यूपी आश्रम से साध-संगत को फरमाएंगे रूहानी वचन
बरनावा। सच्चे दाता रहबर पूजनीय परम पिता शाह सतनाम जी महाराज के पावन महा रहमोकर्म माह की खुशी का पावन ‘एमएसजी भंडारा’ 12 फरवरी रविवार को उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड व दिल्ली की साध-संगत द्वारा बड़े हर्षोल्लास व धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है। उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड की साध-संगत नई बस्ती नवादा, पल्लवी कोल्ड के पास मक्खनपुर, फिरोजाबाद (यूपी) व दिल्ली की साध-संगत जापानी पार्क एचपी पेट्रोल पंप के पीछे, रोहिणी दिल्ली, नजदीक ईएसआई डिस्पेंसरी में मनाया जा रहा है। भंडारा सुबह 11 बजे शुरू होगा।
भंडारे पर पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां उत्तर प्रदेश के शाह सतनाम जी आश्रम बरनावा से आॅनलाइन गुरुकुल के माध्यम से रूहानी सत्संग फरमाएंगे। इस अवसर पर पूज्य गुरु जी लोगों को नशे व सामाजिक बुराइयों को छोड़ने का संकल्प दिलाएंगे। पावन भंडारे को लेकर साध-संगत में भारी उत्साह देखा जा रहा है और राज्य कमेटियों द्वारा भंडारे की सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं। वहीं स्थानीय डेरा अनुयायियों में पावन भंडारे की खुशी में होने वाले रूहानी सत्संग को लेकर इस कदर खुशी का माहौल है कि वो घर-घर जाकर लोगों को कार्यक्रम में शामिल होने का निमंत्रण दे रहे हैं। गौरतलब है कि डेरा सच्चा सौदा के संस्थापक पूजनीय बेपरवाह सार्इं शाह मस्ताना जी महाराज ने 28 फरवरी 1960 को पूजनीय परम पिता शाह सतनाम जी महाराज को गुरुगद्दी की बख्शिश कर अपना रूप बनाया। इसलिए इस महीने को डेरा सच्चा सौदा की साध-संगत एमएसजी महा रहमोकर्म माह के रूप में मनाती है। जिसमें डेरा सच्चा सौदा के श्रद्धालु 151 मानवता भलाई कार्यों को रफ्तार देकर जरूरतमंदों की मदद करते हैं।
दिनांक 12 फरवरी 2023 दिन रविवार को प्रात: 11 बजे।
स्थान: नई बस्ती नवादा, पल्लवी कोल्ड के पास, मक्खनपुर, फिरोजाबाद यूपी।
दिल्ली में एमएसजी भंडारा
वहीं देश की राजधानी दिल्ली की साध-संगत जापानी पार्क, एचपी पेट्रोल पम्प के पीछे, रोहिणी, दिल्ली नियर ईएसआई डिस्पेंसरी में पावन भंडारा मनाएगी। पावन भंडारे को लेकर दिल्ली की साध-संगत में खुशी की लहर है। दिन व समय: 12-2-2023 सुबह 11 बजे से।
गौरतलब है कि डेरा सच्चा सौदा के संस्थापक पूजनीय बेपरवाह सार्इं शाह मस्ताना जी महाराज ने 28 फरवरी 1960 को पूजनीय परम पिता शाह सतनाम जी महाराज को गुरुगद्दी की बख्शिश कर अपना रूप बनाया। पूजनीय परम पिता जी ने 11 लाख से अधिक लोगों को राम-नाम की अनमोल दात प्रदान करके नशे, मांसाहार और हरामखोरी जैसी बुराइयां छुड़वाकर इन्सानियत की भलाई के कार्यों में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।
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