सरसा। 75 वर्ष पहले आज के ऐतिहासिक व सौभाग्यशाली दिन को रूहानियत व इन्सानियत के महान केन्द्र डेरा सच्चा सौदा का शुुभांरभ हुआ। करोड़ों की संख्या में साध-संगत 29 अप्रैल के इस ऐतिहासिक दिवस को भंड़ारे के रूप में मना रही है। शाह सतनाम जी धाम में आज पावन भंडारे की नामचर्चा सुबह 11 बजे से दोपहर 1 बजे तक होगी। साध-संगत में पावन भंडारे को लेकर भारी उत्साह देखने को मिल रहा है। कल सुबह से ही साध-संगत का आना अनवरत जारी है। देर रात तक समाचार लिखे जाने तक अलग-अलग राज्यों से साध-संगत का आना अनवरत जारी था। आइयें सुनते हैं रूहानी स्थापना दिवस पर पूज्य गुरु जी का ये संदेश
प्रबंधकीय समिति द्वारा साध-संगत के भारी तादाद में पहुंचने के आसार को देखते हुए विशेष प्रबंध किए जा रहे हैं। मुख्य पंडाल के शैड से बाहर भाइयों व बहनों के लिए दोनों तरफ छायावान लगाए गए हैं। यातायात को सुचारू रूप से चलाने के लिए सड़कों के दोनों तरफ ट्रैफिक समिति के सेवादार तैनात किए गए हैं। पंडाल व पंडाल के बाहर अलग-अलग जगहों पर पानी समिति के सेवादारों ने पीने के पानी की स्टालें लगाईं हुर्इं हैं। लंगर समिति के हजारों सेवादारों ने ड्यूटियां संभाल ली हैं। साध-संगत की सुविधा के लिए अनाऊंसमैंट केन्द्र का प्रबंध किया गया है।
रूहानी स्थापना दिवस की बधाई दे रहे फ्लैक्स बोर्ड माहौल को और भी खुशनुमा बना रहे हैं। स्पीकर समिति द्वारा हजारों स्पीकर दूर-दूर तक लगाए गए हैं। इसी तरह मुख्य पंडाल के अलावा अन्य पण्डालों में भी बड़ी स्क्रीनों का प्रबंध किया गया है। उल्लेखनीय है कि बेपरवाह सार्इं शाह मस्ताना जी महाराज ने 29 अप्रैल 1948 को डेरा सच्चा सौदा की स्थापना की थी। आज करोड़ों लोग डेरा सच्चा सौदा के साथ जुड़ चुके हैं और नशों व अन्य बुराईयों से तौबा कर चुके हैं और यह सिलसिला लगातार जारी है। मानवता भलाई के कार्यों में डेरा सच्चा सौदा के नाम 78 विश्व रिकॉर्ड हैं। साध-संगत हर वर्ष रक्तदान, शिक्षा दान, पौधारोपण, जरूरतमंदों को मकान बनाकर देने सहित मानवता भलाई के 156 कार्य कर रही है।
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