शराब बेचने का मामला : पूर्व विधायकों की फर्मों पर कार्रवाई, किया भारी जुर्माना

Liquor selling case Action taken on firms of former MLAs, heavily fined

अनिल अनिल कक्कड़ चंडीगढ़। हरियाणा के नामी शराब के कारोबारी एवं भाजपा नेताओं बलवान दौलतपुरिया और मक्खनलाल सिंगला की फर्मों पर लॉकडाउन के दौरान चोरी छुपे 21 हजार (Liquor Selling Case) शराब की पेटियां बेचने के आरोप साबित होने पर 1 करोड़ 12 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है। शराब के इस अवैध घोटाले ने सरकार की प्रदेश में खूब किरकिरी करवाई है, जिसके बाद आबकारी विभाग के मुखिया और उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया है।

बता दें कि पूर्व में सिरसा से विधायक रहे मक्खन लाल सिंगला और फतेहाबाद से विधायक रहे बलवान दौलतपुरिया प्रदेश में शराब के बड़े कारोबारी माने जाते हैं। प्रदेश में लॉकडाउन के चलते सबकुछ बंद था, तो वहीं इन दोनों नेताओं ने इतनी बड़ी मात्रा में शराब बेचने वाली इन दो फर्मों की शिकायत के बाद बड़ा एक्शन लिया गया है। दोनों फर्मों पर एक करोड़ 12 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।

बीजेपी नेता के रिश्तेदार की हैं ये फर्मे

विनायक फर्म पूर्व विधायक व बीजेपी नेता बलवान सिंह के भतीजे की बताई जा रही है, जबकि दूसरी फर्म सिरसा के पूर्व विधायक मक्खन लाल के करीबियों की है। आबकारी विभाग के आयुक्त बीके शास्त्री ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान गोदाम में 21 हजार के करीब शराब की पेटियां कम मिली।

लॉकडाउन में चोरी छुपे बेची थी 2 हजार पेटी शराब

कोरोना महामारी को फैलने से रोकने के लिए 23 मार्च 2020 को लॉकडाउन लगा दिया गया था। देश में सबकुछ बंद था, लेकिन जिले की दो शराब की फर्म श्री विनायक और डिस्कवरी सेल्स के द्वारा 21 हजार शराब की पेटियां लॉकडाउन में चोरी छुपे बेच दी गईं। आबकारी विभाग के द्वारा जब इन फर्मों के गोदामों की चेकिंग की गई, तो शराब की 21 हजार पेटियां कम मिलीं, जिसके बाद इसकी रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को भेज दी गई। इस मामले में आबकारी विभाग के द्वारा फतेहाबाद की इन दोनों फर्मों पर बड़ी कार्रवाई करते हुए 1 करोड़ 12 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।

चौतरफा दबाव झेल रहे दुष्यंत ने की कार्रवाई

वहीं अपने चाचा अभय चौटाला से लगातार लोहा ले रहे दुष्यंत पर इस मामले में कार्रवाई करने का दबाव चौतरफा बना हुआ था। हालांकि सिंगला और दौलतपुरिया भाजपा में शामिल हो गए थे लेकिन माना जा रहा है कि अभय चौटाला से उनकी नजदीकी और कार्रवाई के दबाव के चलते दुष्यंत ने कड़ा फैसला लिया है।

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