सिविल सर्जन व डॉक्टर्स के बीच हुई बहस
सच कहूँ/संजय मेहरा, गुरुग्राम। नागरिक अस्पताल सेक्टर-10 के एक कमरे में सिविल सर्जन डा. विरेंद्र यादव मौजूद थे। हरियाणा सिविल मेडिकल एसोसिएशन (एचसीएमए) के बैनर तले डॉक्टर्स एकत्रित होकर उनके कमरे में पहुंचे और अपनी मांगों के लिए नारेबाजी करने लगे। उन्होंने सिविल सर्जन के कमरे में ही कहा कि हरियाणा में 60 ऐसे डॉक्टर हैं, जो स्पेशियलिस्ट हैं। वे कभी मरीज नहीं देखते। इनमें सीएमओ, पीएमओ, निदेशक आदि शामिल हैं। सरकार को चाहिए कि इन सभी को ओपीडी व अन्य सेवाएं देने के आदेश दे। दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भी इन पदों पर बैठे डॉक्टर ओपीडी सेवाएं देते हैं। कुछ देर बाद जब सीएमओ कमरे से बाहर निकलकर जाने लगे तो हड़ताली डॉक्टर्स ने उनसे बातचीत शुरू की।
डा. नरूला के नाम पर बिफरे डॉक्टर
मरीजों का उपचार ना करके वरिष्ठ अधिकारियों के आशीर्वाद से आराम की नौकरी करने के आरोपों से घिरे नागरिक अस्पताल से सेवानिवृत्ति के बाद एक्सटेंशन पर लगाए गए डॉ. नरूला के खिलाफ आखिरकार डॉक्टर्स का गुस्सा फूट ही गया। अस्पताल परिसर में सिविल सर्जन के समक्ष डॉक्टर्स ने खुलकर अपनी बात रखी। साथ ही मांग कर डाली कि सभी डॉक्टर्स की डेपुटेशन कैंसिल करके उन्हें अपनी जगह पर भेजा जाए। डॉक्टर्स ने एक स्वर में कहा सिविल सर्जन से कहा कि डॉ. नरूला को किस हिसाब से अप्वायंट किया गया है। उनका केवल मरीज देखने का काम था। सीएमओ ने जवाब दिया कि कोविड के लिए।
गुस्साए डॉक्टर्स ने कहा कि वैसे डॉ. नरूला ने जिंदगी में कभी मरीज नहीं देखे। आपने जबदरस्ती उन्हें अप्वायंट किया है। इसी बीच सीएमओ ने कहा कि सभी को काम के लिए नियुक्त किया गया है। आपने माहौल खराब करना है तो अलग बात है। वहां मौजूद डॉक्टर्स के तेवर चढ़ गए। उप-सिविल सर्जन डॉ. एमपी सिंह ने कहा कि उनकी अभी डेपुटेशन कैंसिल कर दो। जो बढ़िया लगता है उसे बुला लो सर। उन्हें लगता था आप डॉक्टर्स के साथ खड़े हो पर आप भी नहीं खड़े सर। साथ ही बाकी डॉक्टर्स ने कहा कि जो रिटायरमेंट के बाद लगाए गए हैं, वो ओपीडी में मरीज देखेंगे। रोजाना उनकी रिपोर्टिंग जानी चाहिए।
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