हम समझदार इन्सान हैं, इसलिए हमारा दायित्व बनता है कि (Success Mantra) हम एक बार जिस गलती को करें, उसे पुन: दोहराएं नहीं बल्कि उस गलती से हम एक सबक सीखें। उसे भविष्य में न दोहराने की कसम अपने मन में लें। इस तरह हम मनुष्य एक ही गलती को बार-बार दोहराकर समाज में अपनी किरकिरी करवाने से बच जाएंगे। दूसरों के समक्ष न तो नजरें झुकानी पड़ेंगी और न ही शर्मिन्दा होना पड़ेगा।
यदि कोई मनुष्य कहीं नौकरी कर रहा है और वहां (Success Mantra) थोड़े-थोड़े दिनों के पश्चात गलती करता रहेगा तो उस दफ्तर या कम्पनी का मालिक उसे सुधरने के लिये तीन-चार अवसर देगा। उसके बाद भी यदि वह गलती करने से बाज नहीं आएगा, तब तो शर्तिया बात है कि उसे नौकरी से निकाल दिया जाएगा। इसी प्रकार यदि किसी फर्म का मालिक बार-बार गलती करेगा, तो वह कम्पनी डूब जाएगी और दिवालिया हो जाएगी।
हम जब गलती करते हैं, तब उम्मीद करते हैं कि सामने वाला हमें उस गलती की सजा न देकर हमें माफ कर दे। ऐसी ही अपेक्षा हम परमेश्वर से भी करते हैं। परन्तु जब हमारी बारी आती है, तब हम गलती करने वाले को सजा देना चाहते हैं। उसे हम किसी भी शर्त पर क्षमा नहीं करना चाहते। ऐसा दोगला चरित्र हम लोग जीते हैं। लेने और देने के बाट तो सदा एक जैसे ही होने चाहिएं। उनमें अन्तर करना किसी के लिए भी उचित नहीं होता। Success Mantra
गलती किसी मनुष्य के जीवन का एक छोटा-सा पृष्ठ होती है परन्तु हमारे रिश्ते एक पूरी पुस्तक के समान होते हैं। आवश्यकता पड़ने पर गलती का एक पन्ना फाड़ देना मेरे विचार से उपयुक्त होता है। यानी उस एक व्यक्ति से किनारा कर लेना फिर भी उचित कहलाता है, परन्तु एक पृष्ठ या एक व्यक्ति के लिए पूरी रिश्ते रूपी उस सम्पूर्ण पुस्तक को खोने से यथासम्भव बचने का उपाय करना चाहिए। Success Mantra
एक समझदार मनुष्य का यह परम कर्तव्य होता है कि वह गलती करने वाले से किनारा करने के स्थान पर उसे प्रेम से अपने पास बिठाकर समझाए। उसे भविष्य में गलती न दोहराने के लिए प्रेरित करे। यदि वह समझदार व्यक्ति होगा तो अपनी गलती को दूर करने का प्रयास करेगा और समाज के मानदण्ड पर खरा उतरने का प्रयास करेगा। अपना खोया हुआ स्थान पुन: प्राप्त कर लेगा। Success Mantra
पूर्वकाल में डाकू रहे और ऋषियों के समझाने पर विश्व में अमर रामकथा के प्रणेता बने महर्षि वाल्मीकि तथा महात्मा बुद्ध के संसर्ग में आकर डाकू से साधु बने अँगुलिमाल डाकू की चर्चा करना चाहती हूँ। इतिहास भरा पड़ा है ऐसे उदाहरणों से, जहां अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति के बल पर लोगों ने अपनी गलतियों पर विजय प्राप्त की। उन पृष्ठों को खंगालने की आवश्यकता भर है। Success Mantra
इसके विपरीत कुछ ऐसे हठी लोग होते हैं, जो आयुपर्यन्त गलतियाँ करते रहते हैं। उनसे सीख लेकर वे आगे कदम बढ़ाने के लिए तैयार ही नहीं होते। ऐसे दुराग्रही लोग अपने जीवन की रेस में पिछड़ जाते हैं। चाहकर भी उनका हाथ थामकर कोई उन्हें आगे नहीं ले जा सकता। अन्तत: जीवन की बाजी हारने के उपरान्त उनके पास पश्चाताप करने के अतिरिक्त कोई और चारा नहीं बचता। Success Mantra
मनुष्य के मन में सदा अपनी पुरानी गलतियों से सीखकर कुछ नया करने का जज्बा होना चाहिए। इस सृष्टि में केवल मनुष्य को ईश्वर ने यह शक्ति दी है कि वह इसे सबसे उबरकर आत्मोद्धार कर सकता है। स्वर्णिम अवसर को उसे कभी अपने हाथ से नहीं गंवाना चाहिए, तभी सफलत उनके कदम चूमती है। वह अपने मनचाहे लक्ष्य को सरलता से प्राप्त करने में समर्थ होता है।
चन्द्र प्रभा सूद