कृषि मंत्री तोमर की किसानों को चिट्ठी, कहा- कृषि कानूनों पर फैलाया जा रहा भ्रम

Farmer-Protest

सुनवाई टली, अगले हफ्ते फिर होगी सुनवाई

नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)।  कड़ाके की ठंड में खुले आसमान तले तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली सीमाओं पर किसान धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। कई दौर की वार्ता होने के बावजूद भी गतिरोध बरकरार है। लेकिन अब यह मामला देश की सबसे बड़ी अदालत यानि सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। बुधवार के बाद वीरवार को भी सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई की। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वो किसानों का पक्ष जाने बिना कोई निर्णय नहीं लेंगे।

सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने कुछ सख्त टिप्पणी की जिसमें प्रदर्शन को किसानों का हक बताया, लेकिन इससे किसी कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को सलाह भी दी कि वो कुछ वक्त के लिए कानूनों को होल्ड रखने पर विचार करे। अदालत ने कहा कि किसानों की राय के बाद वो कमेटी का गठन करेंगे, जिसमें एक्सपर्ट शामिल होंगे। अब आगे मामले की सुनवाई वैकेशन बेंच सुनेगी। अगले हफ्ते एक बार इस पर फिर सुनवाई होगी, जिसमें बेंच और कमेटी को लेकर चर्चा होगी।

उधर टिकरी बॉर्डर पर धरना दे रहे किसानों ने कहा है कि वे सरकार से बातचीत करने को तैयार हैं। लेकिन कृषि कानूनों का विरोध नहीं छोड़ेंगे। इस बीच केंद्रीय कृषि मंत्री ने देश के किसानों को चिट्ठी लिखी है। 8 पन्ने की चिट्ठी में किसानों से कहा है कि सरकार एमएसपी पर लिखित में आश्वासन देने को तैयार है। उन्होंने कहा कि राजनीति के लिए कुछ लोग झूठ फैला रहे हैं।

किसानों की समस्या का हल नहीं निकला तो आर-पार की लड़ाई लड़ी जाएगी। । सरकार को सर्वदलीय बैठक बुलाकर समाधान निकालना चाहिए। राकेश टिकैत, किसान नेता

केजरीवाल ने विधानसभा में फाड़ीं कृषि कानूनों की प्रतियां

दिल्ली विधानसभा के एकदिवसीय विशेष सत्र के दौरान आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सदन में केंद्र सरकार द्वारा पास किए गए तीन कृषि कानूनों कई प्रतियां फाड़कर अपना विरोध जताया। केजरीवाल ने कहा कि ऐसा करते हुए मुझे दर्द हो रहा है, लेकिन मेरे देश का किसान सड़क पर है और मुझे तकलीफ हो रही है। उन्होंने कहा कि यह सदन केंद्र सरकार से अपील कर रहा है कि ये कानून वापस ले लो। सीएम केजरीवाल ने कहा कि मैं केंद्र से पूछना चाहता हूं कि किसानों को और कितनी कुर्बानियां देनी पड़ेंगी, ताकि उनकी आवाज सुनी जा सके।

अब तक 7 किसानों की मौत

टिकरी बॉर्डर पर आंदोलन में शामिल 37 साल के जयसिंह को हार्ट अटैक आने से गुरुवार को मौत हो गई। वे बठिंडा के तुंगवाली गांव के रहने वाले थे। आंदोलन में शामिल लोगों में से अब तक 7 की अलग-अलग वजहों से मौत हो चुकी है।

सुनवाई के मुख्य अंश

  •  मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि आप इस तरह से शहर को ब्लॉक नहीं कर सकते और न ही हिंसा भड़का सकते हैं। कोर्ट ने कहा कि हम किसानों के विरोध-प्रदर्शन के अधिकार को सही ठहराते हैं, लेकिन विरोध अहिंसक होना चाहिए।
  •  सर्वोच्च न्यायालय ने आगे कहा कि हम कृषि कानूनों पर बने गतिरोध का समाधान करने के लिए कृषि विशेषज्ञों और किसान संघों के निष्पक्ष और स्वतंत्र पैनल के गठन पर विचार कर रहे हैं। इस पैनल में पी. साईनाथ, भारतीय किसान यूनियन और अन्य सदस्य हो सकते हैं।
  •  सीजेआई ने कहा कि दिल्ली को ब्लॉक करने से शहर के लोगों को भूखा रहना पड़ सकता है। आप किसानों का मकसद बातचीत के जरिए भी पूरा हो सकता है। सिर्फ प्रदर्शन करने से कुछ नहीं होगा।
  •  यह कमेटी जो सुझाव देगी उसका पालन किया जाना चाहिए। तब तक प्रदर्शन जारी रखा जा सकता है।
  •  आगे इस मामले की सुनवाई दूसरी बेंच करेगी। चूंकि, सुप्रीम कोर्ट में छुट्टी है इसलिए अब मामले की सुनवाई वैकेशन बेंच करेगी।
  •  मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि प्रदर्शन कर रहे सभी किसान संगठनों के पास नोटिस जाना चाहिए।

आज मध्य प्रदेश के किसानों को संबोधित करेंगे पीएम

किसानों के आंदोलन के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को मध्य प्रदेश के किसानों को संबोधित करेंगे। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कार्यालय ने ट्वीट कर कहा, ”18 दिसंबर को प्रदेश भर में होने वाले किसान सम्मेलनों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से संबोधित करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी दोपहर 2 बजे किसानों को संबोधित करेंगे।

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