16 जून के दिन सुनीता विल्यिमस ने अंतरिक्ष में सबसे अधिक समय बिताने वाली महिला का रिकॉर्ड बनाया। जबकि अंतरिक्ष में जाने वाली भारतीय मूल की दूसरी महिला हैं। उनसे पहले दिवंगत कल्पना चावला भी अंतरिक्ष में जा चुकी थीं। वो अब तक अंतरिक्ष में 322 दिन रहने का रिकॉर्ड बना चुकी हैं। इससे पहले 2006 में सुनीता ने अंतरिक्ष में 195 दिन अंतरिक्ष में बिताए थे। सुनीता के इस मिशन की खास बात ये रही कि इस दौरान उन्होंने तीन बार ‘स्पेस वॉक’ यानी अंतरिक्ष की सैर की। स्पेस वॉक के दौरान अंतरिक्ष यात्री स्पेस स्टेशन से बाहर निकलकर उसका जायजा लेते हैं और स्टेशन के बाहर आई तकनीकी गड़बड़ियों की मरम्मत करते हैं। सुनीता अंतरिक्ष में 44 घंटे से ज्यादा देर तक स्पेस वॉक कर चुकी हैं। पहली यात्रा के दौरान सुनीता ने चार बार स्पेस वॉक किया था।
इतिहास के पन्नों को पलटें तो 16 जून को विश्व की पहली महिला ने अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरी। वोस्टोक 6 के उड़ान भरने के डेढ़ घंटे बाद मॉस्को टेलिविजन ने वैलेन्टीना की पहली तस्वीरें प्रसारित कीं। 26 वर्षीय रूसी महिला लेफ्टिनेंट वैलेन्टीना तेरेशकोवा ने रूस की राजधानी मॉस्को से अंतरिक्ष यान – वोस्टोक 6 में अपना सफर शुरू किया। 16 जून 1963 को अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरने वाली वो दुनिया की पहली महिला थीं।
कपड़ा उद्योग में काम कर चुकीं तेरेशकोवा रूस की छठीं अंतरिक्षयात्री थीं। उनकी मिशन का मुख्य मकसद था एक और अंतरिक्ष यान के साथ तालमेल बैठाना। वोस्टोक 6 के उड़ान भरने से दो दिन पहले ही वोस्टोक 5 अंतरिक्ष में भेजा गया था। दोनों अंतरिक्ष यान आपस में रेडियो के जरिए संपर्क बनाने में कामयाब रहे और एक समय पर एक-दूसरे से करीब पांच किलोमीटर की दूरी पर थे। अपनी यात्रा के बाद तेरेशकोवा कम्युनिस्ट पार्टी की सदस्य बन गईं और दोबारा कभी अंतरिक्ष की उड़ान नहीं भरी।
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