नयी दिल्ली। देश में कोरोना विषाणु (Coronavirus) की वैश्विक महामारी के कारण भले ही दहशत का माहौल हो लेकिन पांच राज्यों से होकर बहने वाली गंगा के किनारे स्थित 46 ज़िलों में से आधे जिलों में ही कोरोना संक्रमण के मामले सामने आये हैं जो देश में कुल मामलों के दो प्रतिशत से कम हैं जबकि गंगा के किनारे देश की 15 प्रतिशत से अधिक आबादी बसती है। केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के गंगा के किनारे बसे 46 जिलों में से केवल 24 जिलों में ही कोराेना संक्रमण के मामले सामने आये हैं।
देश की करीब 40 प्रतिशत आबादी गंगा से किसी ना किसी रूप में जुड़ी
आँकड़ों के अनुसार इनमें से 24 जिलों में अब तक कोरोना के कुल 230 मामले पाये गये हैं जबकि देश में Coronavirus महामारी के 13835 सक्रिय मामले हैं और 480 लोगों की मौत हुई है। एक अनुमान के अनुसार इन 46 जिलों में देश की 15 प्रतिशत से अधिक आबादी बसती है जबकि विभिन्न कारणों से देश की करीब 40 प्रतिशत आबादी गंगा से किसी ना किसी रूप में जुड़ी हुई है। उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड पश्चिम बंगाल की आबादी देश की कुल जनसंख्या का 36 प्रतिशत है।
हैरानी की बात यह भी है कि प्रथम चरण का लॉकडाउन घोषित होने के बाद दिल्ली, पंजाब आदि से हड़बड़ी में अपने गांवों को लौटे हजारों मजदूरों में से अधिकांश इसी गंगा पट्टी के इलाकों के रहने वाले है और उनके लौटने के 18 से 20 दिन होने के बावजूद आमतौर पर उन क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़े नहीं हैं। हिमालय में उत्तराखंड से निकल कर बंगाल की खाड़ी तक ढाई हजार किलोमीटर से अधिक दूरी तय करके गंगा समुद्र में विलीन होतीं हैं।
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