गाजियाबाद(सच कहूँ/रविन्द्र सिंह)। देश की राजधानी दिल्ली से सटे Ghaziabad के लोनी में निर्माणधीन बिल्डिंग का लेंटर अचानक गिर गया । जिसमें दर्जनों मजदूर दब गए । यह हादसा पुलिस कमिशनरेट थाना लोनी क्षेत्र के रूप नगर में हुआ। यहां एक निर्माणाधीन इमारत का लेंटर भरभरा कर नीचे गिरा गया । इसमें करीब दर्जनों मजदूर लेंटर के मलबे में दब गए। एनडीआरएफ के फ़रिस्तों ने सूचना मिलते ही तत्काल मौके पर पहुंचकर राहत बचाव कार्य शुरू किया और मलबे में दबे लोगो को बाहर निकाला।
एनडीआरएफ ने 13 लोगो को से बाहर निकाला।जिनमे दो ठेकेदारों की मौत हो गई। जबकि 11 घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया। उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है।
बता दें कि हादसे की सूचना जैसे ही इसकी जानकारी आसपास के लोगों को मिली तो बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ मौके पर पहुंची। और पुलिस को सूचित करते हुए राहत एवं बचाव कार्य में जुट गए। हादसे की जानकारी मिलने के बाद प्रशासनिक अधिकारी और पुलिस के आला अधिकारी भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और राहत एवं बचाव कार्य शुरू कराया गया।
एनडीआरएफ के फ़रिस्तों ने चलाया रेस्क्यू अभियान,बचाई जान | Ghaziabad
तत्काल राहत एवं बचाव कार्य के लिए कमल नेहरू नगर स्थित 8 वी बटालियन एनडीआरएफ की टीम को भी मौके पर बुलाया गया। एनडीआरएफ के फ़रिस्तों (जवानों )और स्थानीय पुलिस ने संयुक्त रूप से लेंटर के मलबे में दबे सभी लोगों को कड़ी मशक्कत के बाद बाहर निकाल लिया ।लेकिन मौके पर ही दो लोगों की मौत हो गई इनमें दोनों ठेकेदार बताए जा रहे हैं। जबकि 11 घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उनका उपचारी जारी है।
लोनी औधोगिक क्षेत्र में हुआ हादसा | Ghaziabad
जानकारी के अनुसार लोनी क्षेत्र रूप नगर औद्योगिक क्षेत्र में स्थित 333 वर्ग गज मीटर का एक प्लॉट करीब 8 फीट गहरा था।इसमें मिट्टी का भराव कर इमारत बनाई जा रही थी ।और रविवार को इसका लेंटर डाला जा रहा था। जिस मिट्टी का भरा हुआ था वह मिट्टी बैठ गई और लेंटर की सेटिंग गड़बड़ाई। जिसके बाद करीब 50 फीसदी लेंटर भरभरा कर नीचे आ गिरा। बताया जा रहा है कि मदनलाल शर्मा किराए पर देने के लिए फैक्ट्री का निर्माण करा रहे थे । 130 फीट लंबी और 30 फीट चौड़ी इमारत बन रही थी। उस पर 20 फीट ऊंचाई पर यह लेंटर डाला जा रहा था । जबकि सामान्य मकानों का लेंटर 10 से 12 फीट की ऊंचाई पर ही डाला जाता है।
मोके पर मौजूद रहे डीसीपी रवि कुमार
इस पूरे मामले की जानकारी पुलिस के आला अधिकारियों को मिली तो खुद डीसीपी ग्रामीण जोन रवि कुमार भी मौके पर पहुंचे। जहां स्थानीय पुलिस के अलावा राहत एवं बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ के जवानों को भी लगाया गया ।और एनडीआरएफ के कई घण्टों के रेस्क्यू अभियान औऱ पुलिस की कड़ी मशक्कत के बाद मलबे में दबे लोगों को बाहर निकाला गया। डीसीपी ने बताया कि इस दौरान मालिक व दो ठेकेदार सहित 13 लोग मलबे में दब गए थे।दमकल विभाग व एनडीआरएफ एवं स्थानीय पुलिस की मदद से घायलों को बाहर निकालकर अस्पताल पहुंचाया गया। इस दौरान दोनों ठेकेदारों की मौत हो गई जबकि अन्य 11 घायलों की हालत अब भी गंभीर बताई जा रही है।
एक्शन:जीडीए वीसी ने की दो अधिकारियों पर निलंबन की कार्रवाई
इस हादसे के बाद गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए)के वीसी एवं डीएम राकेश कुमार सिंह ने इस पूरे मामले को गंभीरता से लिया। और लापरवाही मानते हुए क्षेत्र में तैनात जीडीए के सुपरवाइजर शेर सिंह को निलंबित कर दिया और जीसीए के अवर अभियंता सीपी शर्मा को पद से हटाते हुए उनके निलंबन की संस्तुति शासन को भेजी गई है।
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