बाल विवाह रोकथाम के लिए संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी ने आमजन से की अपील
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नागरिक झूठी शिकायत करके जनता व प्रशासन को ना करें परेशान: रेखा
फतेहाबाद (सच कहूँ न्यूज)। बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 के अनुसार लड़की की शादी 18 वर्ष व लडके की शादी 21 वर्ष से पहले की जाती है, तो यह काननून अपराध है। एक्ट के तहत बाल विवाह (Child Marriage) के आयोजन में भागीदार सभी लोगों पर कानूनी कार्यवाही की जाती है, जिसके तहत 2 साल की जेल व एक लाख रुपये तक के जुमार्ने का भी प्रावधान है।
संरक्षण एवं बाल विवाह (Child Marriage) निषेध अधिकारी रेखा अग्रवाल ने बताया कि इस वर्ष 3 मई को अक्षय तृतीया का शुभ मुहुर्त है जोकि सार्वजनिक रूप से अखा तीज के नाम से भी जाना जाता है। सामाजिक प्रथा अनुसार इस अवसर पर लोगों द्वारा बड़ी संख्या में विवाह समारोहों का आयोजन किया जाता है तथा अक्षय तृतीया के इस शुभ मुहुर्त पर लोगों द्वारा काफी संख्या में बाल विवाहों को भी संपन्न किया जाता है।
बाल विवाह (Child Marriage) निषेध अधिनियम, 2006 के अनुसार बाल विवाह करना कानून अपराध है। उन्होंने अक्षय तृतीया के अवसर पर आयोजित होने वाले विवाह समारोहों के दौरान बाल विवाह की रोकथाम के लिए विवाह करवाने वाले पुजारी, गांव के पंच-सरपंच, नंबरदार तथा शहरों में नगर पार्षद आदि से अपील करते हुए कहा कि वे अपने गांव, शहर व क्षेत्र में किसी बाल विवाह का आयोजन न होने दें।
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