प्रेरणादायक। लेकर कहां कुछ वापिस जाना, ये शरीर भी दान है…
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भारी संख्या में साध-संगत और परिजनों ने दी श्रद्धांजलि
अंतिम समय तक सतगुरु पर दृढ़ विश्वास के साथ राम-नाम में रही तल्लीन
पानीपत (सच कहूँ/सन्नी कथूरिया)। डेरा सच्चा सौदा के अनुयायी न सिर्फ जीते जी बल्कि इस जहां से जाने के बाद भी इन्सानियत के काम आते हैं। इसी क्रम में पानीपत के वार्ड 11 वासी लीला इन्सां के मरणोंपरांत उनकी पार्थिव देह परिजनों ने मेडिकल रिसर्च हेतु दान कर दी। प्राप्त जानकारी के अनुसार पानीपत के वार्ड 11 निवासी लीला इन्सां अपनी स्वांसों रूपी पूंजी पूर्ण कर मालिक के चरणों में सचखण्ड जा विराजी। उन्होंने डेरा सच्चा सौदा की शिक्षाओं पर अमल करते हुए जीते जी ही मरणोपरांत अपनी देह मेडिकल रिसर्च के लिए दान करने का प्रण लिया हुआ था।
लीला इन्सां की अंतिम इच्छानुसार उनके बेटे तिलक राज, पुत्री पूनम, शशि बाला ने पार्थिव देह मेडिकल रिसर्च हेतु दान कर दी। इस मौके पर लीला इन्सां की पार्थिव देह को लेने पहुंची मेडिकल की एंबुलेंस को फूलों से सजाया गया और भारी संख्या में डेरा अनुयायियों और स्थानीय लोगों ने उन्हें श्रद्धाजंलि अर्पित की। तत्पश्चात धन-धन सतगुरु तेरा ही आसरा के पवित्र नारे के साथ एंबुलेंस को मेडिकल कॉलेज के लिए रवाना कर दिया। उनके पत्र तिलक राज ने बताया कि माता लीला इन्सां अपने अंतिम समय तक सतगुरु के प्रति दृढ़ विश्वास के साथ राम-नाम के सुमिरन में तल्लीन रही।
इस दौरान शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेल्फेयर फोर्स विंग के सदस्य ईश कुमार, रमेश इन्सां, सार्इं दास, सतीश, महावीर, सोमी, गोपाल, सोनू, अनुषा, गुड्डी, ऊषा इन्सां सहित बड़ी संख्या में डेरा श्रद्धालु मौजूद थे।