‘नीरज चोपड़ा’ भारत की एकमात्र उम्मीद

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विश्व चैंपियनशिप: आज के दिन कोई भारतीय नहीं लेगा भाग क्योंकि एशियाई चैम्पियन गोविंदन लक्ष्मण 1000 मीटर फाइनल में भाग नहीं लेंगे

लंदन (एजेंसी)। ‘फर्राटा किंग’ यूसेन बोल्ट के संन्यास से एथलेटिक्स में एक युग का अंत हो जाएगा लेकिन भारतीयों के लिए यहां शुरू होने वाली आईएएएफ विश्व चैम्पियनशिप में कोई अच्छी शुरूआत की उम्मीद नहीं है। इस प्रतियोगिता में 25 भारतीय एथलीट शिरकत करेंगे लेकिन उनके प्रभावित करने की उम्मीद नहीं है, बस इसमें विश्व जूनियर रिकार्डधारी भालाफेंक थ्रोअर नीरज चोपड़ा के पास पदक जीतने का मौका हो सकता है।

सब कुछ हरियाणा के इस 19 वर्षीय के 10 और 12 अगस्त (क्वालीफिकेशन और फाइनल दौर) के दिन प्रदर्शन पर निर्भर करेगा कि भारत 2003 के बाद आए सूखे को खत्म कर पाएगा या नहीं। वर्ष 1983 में पहली चैम्पियनिशप के बाद से ही भारत इस प्रतियोगिता में भाग लेता रहा है लकिन 2003 में लंबी कूद की महान एथलीट अंजू बाबी जार्ज के कांस्य पदक के अलावा उसने कोई पदक हासिल नहीं किया है। हाल में भुवनेश्वर में हुई एशियाई चैम्पियनशिप में भारतीय एथलीटों द्वारा जीते गए पदक प्रशंसनीय हैं लेकिन महाद्वीपीय प्रतियोगिता में मिली सफलता का इस वैश्विक टूर्नामेंट में कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।

एशियाई चैम्पियनशिप में प्रतिस्पर्धा काफी कम थी क्योंकि चीन, जापान, कतर और बहरीन के कई शीर्ष एथलीटों ने इसमें भाग नहीं लेने का फैसला किया था। विश्व चैम्पियनशिप में अब तक भारत के इतिहास में एकमात्र पदक को देखते हुए किसी के फाइनल दौर में पहुंचने को भी एक उपलब्धि ही माना जाएगा। शुरूआती दिन कोई भारतीय भाग नहीं लेगा क्योंकि एशियाई चैम्पियन गोविंदन लक्ष्मण 1000 मीटर फाइनल में भाग नहीं लेंगे। वह भुवनेश्वर में स्वर्ण पदक जीतने के बावजूद इसके लिए क्वालीफाई नहीं कर सके।

भारतीयों के लिए पहली स्पर्धा पांच अगस्त को हेप्टाथलन 100 मीटर बाधा दौड़

भारतीयों के लिए पहली स्पर्धा पांच अगस्त को हेप्टाथलन 100 मीटर बाधा दौड़ होगी जिसमें स्वप्ना बर्मन देश का प्रतिनिधित्व करेंगी जिसके बाद पुरुष 400 मीटर हीट होंगी जिसमें मोहम्मद अनस भाग लेंगे। भारत के लिए सबसे अच्छा दावेदार युवा नीरज हो सकता है जिसका सत्र का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 85.63 मीटर का रहा है जिससे वह आईएएएफ रैंकिंग में 14वें स्थान पर है। उनका व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 86.48 मीटर का रहा है जो उन्होंने पिछले साल जूनियर विश्व रिकार्ड बनाकर किया। हालांकि उन्हें पदक की दौड़ में बने रहने के लिए अपने व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन से कुछ और मीटर सुधार की जरूरत है।

दो भालाफेंक एथलीट जोहानेस वेटर और मौजूदा ओलंपिक व विश्व चैम्पियन थामस रोहलेर ने इस साल 90 मीटर की दूरी तय की है जबकि आठ अन्य एथलीट 87.64 मीटर तक भाला फेंक चुके हैं जो बीजिंग में कांस्य पदक विजेता ने हासिल किया था। इस भारतीय ने इस सत्र में तीन बार 85 मीटर की दूरी तय की है और पेरिस और मोनाका में दो डायमंड लीग में क्रमश: पांचवें और सातवें स्थान पर रहे थे। इससे उनके आत्मविश्वास में हालांकि बढ़ोतरी होगी। नीरज के अलावा किसी अन्य भारतीय के पास लगभग कोई मौका नहीं दिखता।

भारतीय के लिए आसान नहीं

पुरुष चौकड़ी में अनस से इस बार सेमीफाइनल में पहुंचने की उम्मीद है जिनका 45.32 सेकेंड का राष्ट्रीय रिकार्ड अच्छा दिखता है। लंदन में भाग लेने वाले 16 धावक इस सत्र में 45 सेकेंड निकाल चुके हैं, जिससे इस भारतीय के लिए चीजें आसान नहीं होगी। महिलाओं की 400 मीटर स्पर्धा में निर्मला शेरॉन 51.28 सेकेंड से सत्र के सर्वश्रेष्ठ समय से आईएएएफ सूची में दूसरे स्थान पर हैं। उनके पास भी हालांकि सेमीफाइनल से आगे जाने का कोई मौका नहीं है, अगर वह हीट से आगे बढ़ती हैं। सिद्धांत थिंगाल्या पुरूषों की उंची बाधा दौड़ में अनिरंतर रहे हैं। उन्होंने 13.48 सेकेंड के राष्ट्रीय रिकार्ड से लंदन में प्रवेश किया था लेकिन वह एशियाई चैम्पियनशिप में 13.72 के समय से पांचवें स्थान पर रहे।

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