सैनिकों ने दिया गार्ड ऑफ ऑनर, नौ माह की बेटी ने दी मुखाग्नि
हनुमानगढ़। (सच कहूँ न्यूज़) अरूणाचल प्रदेश के सियांग जिले में शुक्रवार को सेना के हेलीकॉप्टर के क्रेश होने से शहीद हुए मेजर विकास भांभू को सोमवार दोपहर को टिब्बी तहसील स्थित उनके पैतृक गांव रामपुरा उर्फ रामसरा में हजारों नम आंखों से अंतिम विदाई दी गई। गांव के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के खेल मैदान में हुई अंत्येष्टि से पहले प्रभारी मंत्री गोविंदराम मेघवाल सहित अन्य जनप्रतिनिधियों व सेना के अधिकारियों ने शहीद मेजर विकास भांभू के पार्थिव शरीर पर पुष्प चक्र अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। राजकीय सम्मान के साथ गार्ड ऑफ ऑनर देकर शहीद का अंतिम संस्कार किया गया। उनको मुखाग्नि उनकी नौ माह की पुत्री वाहिश के हाथ से दिलवाई गई। इस मौके पर मौजूद हजारों ग्रामीणों ने शहीद मेजर विकास भांभू अमर रहे और भारत माता की जय के नारे लगाए। शहीद मेजर का पार्थिव शरीर रविवार शाम को सूरतगढ़ एयरबेस पहुंच गया था।
जहां से पार्थिव देह को रविवार सुबह सेना के सुसज्जित वाहन में रामपुरा उर्फ रामसरा लाया गया था। रास्ते में कई गांवों में सड़क के दोनों ओर खड़े होकर हजारों लोगों ने शहीद मेजर विकास भांभू के पार्थिव शरीर पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। शहीद मेजर विकास भांभू को श्रद्धांजलि देने के लिए जिला प्रभारी मंत्री गोविन्द राम मेघवाल के साथ पूर्व केंद्रीय मंत्री सुभाष मेहरिया, जीव जंतु कल्याण बोर्ड अध्यक्ष केसी बिश्नोई, ओबीसी वित्त एवं विकास बोर्ड अध्यक्ष पवन गोदारा, माटी कला बोर्ड अध्यक्ष डूंगर राम गेदर, जिला प्रमुख कविता मेघवाल, जिला पुलिस अधीक्षक डॉ. अजयसिंह राठौड़, संगरिया विधायक गुरदीप सिंह शाहपीनी, पीलीबंगा विधायक धर्मेन्द्र मोची, नगर परिषद सभापति गणेश राज बंसल, पूर्व उपजिला प्रमुख शबनम गोदारा, एसडीएम शिवा चौधरी, पंचायत समिति प्रधान निक्कूराम, जिला परिषद सदस्य प्रवीणा मेघवाल, भाजपा जिलाध्यक्ष बलवीर बिश्नोई, जिला उपाध्यक्ष गुलाब सींवर सहित कई अधिकारी व जनप्रतिनिधि मौजूद रहे। इस दौरान सेना के अधिकारियों ने भी शहीद मेजर के पार्थिव शरीर पर पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी तथा पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार करवाया।
शहीद मेजर विकास भांभू का पार्थिव शरीर सबसे पहले उनके घर लाया गया। शहीद मेजर विकास भांभू की अंतिम यात्रा में हजारों लोग शामिल हुए। इनमें गांव रामपुरा उर्फ रामसरा सहित आसपास के गांवों से बड़ी तादाद में ग्रामीण अंत्येष्टि स्थल पहुंचे। इनमें बड़ी तादाद में महिलाएं व बच्चे भी शामिल हुए। सूरतगढ़ से रामपुरा उर्फ रामसरा आते समय उनके काफिले पर मसीतांवाली हैड पर ग्रामीणों ने सड़क के दोनों ओर कतारबद्ध होकर पुष्प वर्षा कर श्रद्धांजलि दी। उनके काफिले में सेना, प्रशासनिक अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों के वाहनों के साथ बड़ी तादाद में ग्रामीण कार व बाइक के साथ शामिल हुए।
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