अगली सुनवाई 26 अक्तूबर को
नई दिल्ली (एजेंसी)। लखीमपुर खीरी हिंसा मामले पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई। इस दौरान उच्चतम न्यायालय ने स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने में देरी पर उत्तर प्रदेश सरकार को फटकार लगाई है। सीजेआई एनवी रमन्ना ने कहा कि हम कल रात तक इंतजार करते रहे। आपकी स्टेटस रिपोर्ट अभी तक हमें नहीं मिली है जबकि पिछली सुनवाई के दौरान हमने आपको कहा था कि एक दिन पहले हमें रिपोर्ट मिले। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 4 गवाहों के बयान लिए। बाकी गवाहों के क्यों नहीं लिए? सिर्फ 4 आरोपी पुलिस हिरासत में जबकि अन्य न्यायिक हिरासत में क्यों हैं? उनसे पूछताछ की जरूरत नहीं है? सुप्रीम कोर्ट ने केस की अगली सुनवाई 26 अक्तूतर तक टाल दी गई है।
सुप्रीम कोर्ट में क्या हुआ
- उत्तर प्रदेश सरकार ने उच्चतम न्यायालय को बताया , दो आपराधिक मामले दर्ज किए गए।
- उत्तर प्रदेश सरकार ने उच्चतम न्यायालय को बताया , 10 लोग न्यायिक हिरासत में जबकि चार पुलिस हिरासत में हैं।
- उत्तर प्रदेश सरकार ने उच्चतम न्यायालय को बताया , 44 गवाहों के बयान दर्ज किये
- प्रदर्शनकारियों की भीड़ द्वारा दो भाजपा कार्यकर्ताओं और एक कार चालक की पीट-पीटकर हत्या का आरोप।
- लखीमपुर खीरी हत्याकांड : उत्तर प्रदेश सरकार ने उच्चतम न्यायालय में जांच प्रगति रिपोर्ट पेश की
क्या है मामला
गौरतलब हैं कि तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी में प्रदर्शन कर रहे किसानों को गाड़ी से कुचल दिया गया था, जिसमें चार किसानों की मौत हो गई थी। इसके बाद भड़की हिंसा में एक पत्रकार सहित चार अन्य लोग भी मारे गए। मामले में कुल आठ लोगों की जान गई थी। किसान संगठनों ने आरोप लगाया कि जिस गाड़ी से किसानों को कुचला गया उसमें केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा का बेटा आशीष मिश्रा भी था। हालांकि, केंद्रीय मंत्री ने इन आरोपों को गलत बताया लेकिन मामले में लगभग एक हफ्ते बाद आशीष मिश्रा की गिरफ्तारी हुई।
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