नयी दिल्ली। लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत एवं चीन की सेनाओं में एक माह से जारी गतिरोध को समाप्त करने के लिए दोनों देशों के सैन्य कोर कंमाडरों के बीच शनिवार को हुई बैठक में दोनों पक्षों ने इस मुद्दे को विभिन्न द्विपक्षीय समझौतों के आलोक में शांतिपूर्ण ढंग से सुलझाने पर सहमति व्यक्त की। विदेश मंत्रालय ने रविवार को आधिकारिक जानकारी देते हुए यह भी संकेत दिया कि इस मामले के समाधान का फॉर्मूला अभी नहीं बन पाया है और इसके लिए दोनों पक्षों के बीच कूटनीतिक एवं सैन्य स्तर पर बातचीत जारी रहेगी। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि भारत एवं चीन ने हाल के सप्ताहों में सीमावर्ती क्षेत्र में बनी स्थिति के समाधान के लिए कूटनीतिक एवं सैन्य चैनलों के माध्यम से संवाद बनाये रखा है।
शनिवार को लेह स्थित सेना के कोर कमांडर और चीनी सैन्य कमांडर के बीच चुशुल -मोल्डो क्षेत्र में एक बैठक हुई जो सौहार्दपूर्ण एवं सकारात्मक माहौल में हुई। दोनों पक्षों ने इस बात पर सहमति व्यक्त की कि सीमा पर बनी स्थिति का विभिन्न द्विपक्षीय समझौतों तथा दोनों देशों के नेतृत्व के बीच सहमति के आधार पर शांतिपूर्ण ढंग से समाधान हो, जिसमें माना गया है कि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति एवं स्थिरता भारत एवं चीन के बीच द्विपक्षीय संबंधों के समग्र विकास के लिए आवश्यक है। विदेश मंत्रालय के अनुसार दोनों पक्षों ने माना कि यह भारत एवं चीन के राजनयिक संबंधों की 70वीं वर्षगांठ का वर्ष है इसलिये इस गतिरोध का शीघ्र समाधान होना हमारे संबंधों को आगे ले जाने में योगदान देगा।
लद्दाख गतिरोध: भारत ने अप्रैल की यथा स्थिति बरकरार रखने की मांग की
भारत और चीन के वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों ने पूर्वी लद्दाख सेक्टर में करीब एक महीने से चले आ रहे गतिरोध को समाप्त करने के उपायों पर आज एक मैराथन बैठक की जिसमें वास्तविक नियंत्रण रेखा पर अप्रैल की यथा स्थिति बरकरार रखने सहित विभिन्न मुद्दों पर विचार विमर्श किया गया। सूत्रों ने आज यहां बताया कि चीन की चुशूल मोल्डो सीमा चौकी पर हुई बैठक के बाद भारतीय शिष्टमंडल वापस लेह लौट रहा है। लेह स्थित 14 वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिन्दर सिंह के नेतृत्व में गये इस शिष्टमंडल में सेना के करीब 10 अधिकारी थे। शिष्टमंडल शीर्ष नेतृत्व की बातचीत और गतिरोध को दूर करने संबंधी प्रगति के बारे में अवगत करायेगा। सूत्रों ने यह भी कहा है कि भारत ने बैठक के दौरान चीन से इस क्षेत्र में अप्रैल की यथा स्थिति बरकरार रखने की मांग की है।
बातचीत में चीन की और दक्षिण शियांग सैन्य डिविजन कोर के कमांडर मेजर जनरल लिन ने चीनी शिष्टमंडल का नेतृत्व किया। दोनों पक्षों के बीच अपह्रान लगभग साढे ग्यारह बजे शुरू हुई बैठक शाम तक चली और इस दौरान वास्तविक नियंत्रण रेखा पर पिछले एक महीने के घटनाक्रम पर बिन्दुवार चर्चा की गयी। इस दौरान भारत की ओर से वास्तविक नियंत्रण रेखा पर स्थिरता तथा शांति बनाये रखने से संबंधित विभिन्न समझौतों का उल्लेख किया गया। सूत्रों ने कहा है कि सेना का शीर्ष नेतृत्व बैठक की जानकारी हासिल करने के बाद विदेश मंत्रालय और शीर्ष राजनीतिक नेतृत्व को इससे अवगत करायेगा जिसके बाद आगे की रणनीति बनायी जायेगी।
अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और Twitter पर फॉलो करें।