गांववासियों ने सरकार से की स्कूलों में अध्यापक पूरे करने की मांग
मानसा(सुखजीत मान)। बेशक जिला मानसा इस बार के बोर्ड के परिणामों में अच्छी कार्यशैली के कारण पहले स्थान पर आने में कामयाब हुआ है परन्तु बड़ी संख्या में सरकारी स्कूल अध्यापकों की कमी के साथ जूझ रहे हैं किसान संघर्षों में अग्रणी रहने वाले गांव भैनी बाघा के सरकारी सीनियर सेकैंडरी स्कूल में भी ऐसे ही हालात हैं। गांववासियों ने सरकार से अध्यापक पूरे करने की मांग की है और ऐसा न होने पर संघर्ष का बिगुल बजाने की घोषणा की है।
गांववासियों ने कहा कि एक तरफ राज्य सरकार सरकारी स्कूलों में उच्च शिक्षा देने के दावे कर रही है व निजी स्कूलों के मुकाबले बच्चों को सरकारी स्कूलों में दाखिल करवाने के लिए रैलियां की जाती हैं परन्तु दूसरी तरफ सरकारी स्कूलों के में जरूरी विषयों के अध्यापकों की बड़ी कमी देखी जा रही है। उन्होंने बताया कि गांव भैनी बाघा के सरकारी सीनियार सेकैंडरी स्कूल में लम्बे समय से कुल 53 पोस्टों में से 38 पोस्टों ही भरी हैं व 15 रिक्त हैं। रिक्त पड़े अध्यापकों की पदों में से मुख्य तौर पर अंग्रेजी, इतिहास,रसायनिक विज्ञान ,हिसाब, जीव विज्ञान व ड्राइंग के लैक्चरर और वोकेशनल विषय व एसएस आदि शामिल हैं।
सरकारी स्कूलों के में जरूरी विषयों के अध्यापकों की बड़ी कमी
भैनी बाघा के इस स्कूल में पास के गांव ठूठ्यांवाली, भाई देसा, बुर्ज राठी और मानसा कैंची आदि से विद्यार्थी पढ़ने के लिए आते हैं। विद्यार्थियों के माता पिता ने कहा कि विद्यार्थी का पढ़ाई का लंबे समय से नुक्सान हो रहा है। कई बच्चों के माता-पिता ने अपने बच्चों के भविष्य को देखते भारी फीसें भर कर ट्यूशन रखवाए हुए हैं जिससे वह अपना सिलेबस पूरा कर सकें। गांववासियों ने बताया कि स्कूल पसवक समिति ने कई बार सबंधित विभाग को रिक्त पद पूरे करने के लिए लिखित तौर पर मांग की है परन्तु किसी दे भी कान पर जूं नहीं सरकी।
परीक्षा परिणाम अच्छा, अंग्रेजी से कमजोर हैं बच्चे : प्रिंसीपल
प्रिंसीपल गुरसेवक सिंह ने बताया कि शिक्षा विभाग की तरफ से इस बार घोषित किए गए दसवीं व बारहवीं के परिणामों में से अधिक विद्यार्थी अंग्रेजी में कमजोर रहे हैं परन्तु फिर भी अध्यापकों की सख़्त मेहनत से परिणाम अच्छा रहा है।
पता कर डैपूटेशन पर लगा देंगे अध्यापक: अधिकारी
जिला शिक्षा अधिकारी (सै.) सुरेश चंद्र का कहना है कि कैमिस्ट्री का अध्यापक नियुक्त कर दिया है उन्होंने कहा कि वहां अध्यापकों की कोई कमी नहीं परन्तु फिर भी यदि ऐसी बात है तो पता कर डैपूटेशन पर अध्यापक वहां नियुक्त कर दिए जाएंगे।
स्कूल कम हो रहे व शराब के ठेके बढ़ रहे : किसान नेता
पंजाब किसान यूनियन के राज्य सीनियर उप अध्यक्ष गोरा सिंह भैनी बाघा ने बताया कि पंजाब में आज स्कूलों की संख्या कम हो रही है और शराब के ठेके बढ़ रहे हैं। स्कूलों में अध्यापकों की कमी कारण देश का भविष्य अंधेरे की तरफ जा रहा है। उन्होंने अपने गांव के स्कूल में रिक्त पड़े पदों को तुरंत भरने की मांग की किसान नेता ने पद जल्द पुरे न होने पर संघर्ष शुरू करने की चेतावनी भी दी है।
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