लॉकडाउन : जानलेवा वायरस से जूझ रहे रोगियों के उपचार में मिली स्वच्छता संबंधी गंभीर खामियां (Civil Hospital Negligence)
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कहीं खुले में पड़े मिले मास्क तो कहीं पीपीई किट
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गुरुग्राम नागरिक अस्पताल का है पूरा वाकया
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इमजरेंसी के ठीक सामने पड़ी पाई गई यूज्ड पीपीई किट
संजय मेहरा/सच कहूँ गुरुग्राम। बात फिर वही लापरवाही की आ जाती है। मिलेनियम सिटी गुरुग्राम के सेक्टर-10 स्थित नागरिक अस्पताल के इमरजेंसी विभाग के ठीक सामने यूज की हुई पीपीई किट (पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट) पड़ी पाई गई। यहां के आसपास लोग बैठे थे और यहां से आ-जा भी रहे थे। खुद अस्पताल का स्टाफ यहां से निकलता है, लेकिन किसी का इस ओर ध्यान नहीं गया। या फिर किसी ने इसे गंभीरता से नहीं लिया।
नागरिक अस्पताल में इमरजेंसी विभाग के पास एम्बुलेंस पार्किंग के पास फेंकी गई पीपीई किट में कहीं पर गाउन पड़ा था तो कहीं पर कैप और कहीं पर मास्क। यानी इसके हिस्से कई जगह पर फैले हुए थे। जब हम वहां पहुंचे और पीपीई किट के पड़े होने की तस्वीरें ली तो कई एम्बुलेंस चालक व अन्य लोग थोड़ी दूरी पर रुक गए। यूं कहें कि वे भी भय खाने लगे, जब उन्हें बताया गया कि यह यूज्ड पीपीई किट है।
- सिर्फ यह पीपीई किट ही नहीं, बल्कि अस्पताल परिसर में कई जगह पर यूज्ड मास्क पड़े हुए देखे जा सकते हैं।
- अस्पताल के चारों ओर चाहरदीवारी के भीतर एक रास्ता बनाया गया है।
- इस रास्ते पर हमने घूमकर देखा तो कई जगह पर यूज्ड मास्क गिरे हुए पाए गए।
- ऐसे में यहां के प्रशासक के साथ सफाई कर्मियों के काम पर भी सवाल उठता है।
- प्रशासक का काम अस्पताल का प्रबंधन देखने का काम है।
वे अपने काम को कितनी गंभीरता से कर रहे हैं। यहां के सफाई कर्मी अपने काम को कितनी गंभीरता से कर रहे हैं। हालांकि कायदे से पीपीई किट को यूज करने के बाद पूरी सुरक्षा के साथ बायो मेडिकल वेस्ट प्लांट में डाला जाता है, ताकि उसके संक्रमण से किसी को खतरा ना हो।
ये लापरवाही आखिर क्यों?
कोरोना काल में अस्पताल द्वारा बरती जा रही इस तरह की लापरवाही यहां की व्यवस्था की पोल तो खोलती ही है, साथ ही यह भी बता देती है कि कोरोना के प्रति यहां गंभीरता कितनी है। पीपीई किट सामान्य हालातों में तो चिकित्सा स्टाफ द्वारा पहनी नहीं जाती।
- आॅपरेशन जैसे केसों में भी ज्यादातर गाउन ही स्टाफ द्वारा पहना जाता है।
- पीपीई किट तो विशेष मरीजों का उपचार करने के दौरान पहनी जाती है।
- आजकल कोरोना संक्रमितों का उपचार करने के दौरान डॉक्टर्स व नर्सेज द्वारा पीपीई किट पहनी जा रही है।
- हम इस बात को तसदीक नहीं कर रहे कि यह कोरोना के मरीजों के उपचार के लिए ही पहनी गई है।
- मगर सवाल तो उठता ही है कि आखिर यूज्ड पीपीई किट को इस तरह से कैसे फेंका जा सकता है।
क्या कहते हैं अधिकारी
- इस बारे में अस्पताल की पीएमओ डॉ. दीपा जाखड़ का कहना है यह बहुत बड़ी लापरवाही है।
- इसकी जांच कराई जाएगी कि आखिर यूज्ड किट यहां पर कैसे पहुंची।
- अगर पहुंची तो फिर उसे समय से उठाकर संबंधित स्थान पर क्यों नहीं डाला गया।
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