संयुक्त राष्ट्र जैसी संस्थाओं की स्थापना के बावजूद विश्व भर में ऐसी कोई संयुक्त व्यवस्था नहीं बन सकी, जो शांति बहाल करने में सहायक सिद्ध हो सकती हो। अंतरराष्ट्रीय मंचों पर हिंसा, जालसाजी, तस्करी जैसे अपराधों के लिए चिंता व्यक्त की जाती है लेकिन इनके समाधान के लिए कोई ठोस एवंम तीव्रता से कार्रवाई करने का ढांचा नहीं बन सका। पंजाब सरकार भी इन्हीं मुश्किलों का सामना कर रही है। पंजाबी गायक शुभदीप सिंह सिद्धू मूसेवाला के हत्याकांड की जांच के लिए वांछित आरोपी गोल्डी बराड़ कनाडा में पनाह लिए बैठा है, जिसे वहां से पकड़कर भारत लाना आसान नहीं। इस संबंधी दोनों देशों की आपसी संधियों की शर्तों और कानूनी प्रक्रिया में कई पेचिदगियां है जिनके कारण काफी समय लग जाता है, जिससे जांच प्रभावित होती है और जांच नकारात्मक रूप ले लेती है।
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कनाडा में बैठे गैंगस्टरों को लेकर कनाडा के हाई कमिशनर के साथ बातचीत की और उनसे आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी की मांग की। इससे पहले भी देश में करोड़ों रुपये घोटाले में वांछित विजय माल्या, मेहुल चौकसी और ललित मोदी जैसे आरोपी विदेशों में पनाह लेकर बैठे हैं और भारतीय कानून व्यवस्था को मुंह चिढ़ा रहे हैं। यह बेहद निराशाजनक है कि एक देश का अपराधी दूसरे देश में मजे ले रहा है। हालांकि कोई भी देश हिंसक व अपराधिक गतिविधियों के पक्ष में नहीं, काले धन की रोकथाम में भी कानूनी पेचिदिगियां चुनौतियां बनीं हुई हैं?
काला धन रखने वाले व्यक्तियों का नाम उजागर कर पाना दुरूह काम बना हुआ है। आतंकवादी एवं अन्य अपराधी अंतरराष्ट्रीय कानूनों के दांव-पेंच खेलकर सजा से बच जाते हैं। इसी कारण पीडित उम्र भर न्याय लेने को तरसते रह जाते हैं। अपराधिक घटनाओं को कम करने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ठोस नीति बनाई जानी चाहिए। देशों को कानून व्यवस्था व शांति बहाल रखने के लिए एक-दूसरे का आपसी सहयोग करने की आवश्यकता है।
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