सच कहूँ/करियर डेस्क | आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग अपनी सेहत को लेकर काफी जागरूक हैंं। यही कारण है कि उन्हें एक अच्छे डायटीशियन की तलाश हमेशा रहती है। इसलिए तेजी से स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं में भी इजाफा हुआ है। ऐसे में सभी सरकारी एवं प्राइवेट अस्पतालों में बतौर डाइटीशियन एवं न्यूट्रीशियन के लिए करियर के बेहतर विकल्प हैं। (Career in Dietician) अगर आप भी इस क्षेत्र में अपना करियर बनने की सोच रहे हैं तो सच कहूँ डेस्क आज आपको पूरी जानकारी देगा। अगर बात वर्तमान समय की कि जाये तो हमारे देश में लोगों का ध्यान तेजी से हेल्थ केयर की तरफ बढ़ रहा है। डॉक्टर्स का मानना है कि आज हमारे रहन-सहन खानपान की वजह से हमें मोटापा, ब्लड प्रेशर व हृदय संबंधी कई बीमारियों प्रतिदिन अपने शिकंजे में जकड़ रही हैं। इन सभी समस्याओं की वजह से डायटीशियन की मांग हर क्षेत्र में काफी बढ़ी है।
ये होता है डाइटीशियन का काम (Career in Dietician)
डाइटीशियन को आहार विशेषज्ञ के नाम से भी जाना जाता है। जो लोगों की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का हल करते हैं। पहले वे ग्राहकों के स्वास्थ्य की सही तरीके से जांच या मूल्यांकन करते हैं बाद में अपने अनुभव के आधार पर सलाह देते हंै कि आपको किन खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए। डाइटीशियन एवं न्यूट्रीशियन की स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में लगभग मिलती जुलती भूमिका रहती है क्योंकि दोनों ही आहार विशेषज्ञ होते हैं। डाइटीशियन या न्यूट्रीशियन चिकित्सा के क्षेत्र में बतौर स्वास्थ्य पेशेवर की भूमिका निभाते है और लोगो को सेहत के लिहाज से खान पान संबंधी सलाह देते है। उनका मुख्य उद्देश्य लोगों को हेल्दी फूड के बारे में सही जानकारी देना है ताकि शरीर को सही एनर्जी मिल सके । हमारे शरीर में किस विटामिन की कमी है, हमें किस तरह के खान-पान से बचना है जिनसे हम बीमार ना हो और किस प्रकार के भोजन का सेवन करना है आपको ये सभी बातें एक डाइटीशियन बता सकता है।
ये होनी चाहिए योग्यता
इसके लिए आपको अपनी बारहवीं की परीक्षा साइंस होम साइंस, जैसे विषयों से पास करना अनिवार्य है उसके बाद आप इस क्षेत्र में बेचकर डिग्री मास्टर डिग्री या फिर कोई डिप्लोमा कोर्स कर सकते हैं। (Career in Dietician) एक वर्ष का डिप्लोमा कोर्स करने के लिए आपको फूड साइंस होम साइंस या बायो टेक्नोलॉजी में बैचलर डिग्री होना आवश्यक है। इसके अलावा आपको खाने पीने की चीजों के बारे में अच्छा ज्ञान और रूचि भी होना चाहिए ताकि आप समय समय पर नए नए खानो के बारे में भी जानकारी प्राप्त करते रहे इसलिए आपके अंदर रिसर्च अक्षमता और प्रभावशाली कम्युनिकेशन स्किल भी होनी चाहिए। डायटीशियन के रूप में करियर चुनने वाले युवाओं को डायटेटिक्स, फूड एंड न्यूट्रिशन, फूड सर्विस सिस्टम मैनेजमेंट या डाइटीशियन से जुड़े दूसरे क्षेत्रों में स्नातक की डिग्री करनी चाहिए इसके अलावा बिजनेस, मैथमेटिक्स, कंप्यूटर साइंस, साइकोलॉजी या सोशियोलॉजी में पढ़ाई करने वाले छात्र भी मान्यता प्राप्त संस्थान से फूड न्यूट्रिशन में डिप्लोमा कोर्स कर सकते हैं। आमतौर पर देखा जाये तो विज्ञान विषयों में 12वीं पास करने वाले छात्रों के लिए यह एक बढ़िया क्षेत्र है।
डाइटीशियन संबंधी कोर्स
इस क्षेत्र में में करियर बनाने के लिए आप अपनी इच्छा अनुसार डिग्री डिप्लोमा या पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स का चुनाव कर सकते है। इन सभी कोर्स में आप बारहवीं की परीक्षा पास करने के बाद दाखिल हो सकते हैं।
डिप्लोमा कोर्स
- न्यूट्रिशन एंड हेल्थ एजुकेशन
- डाइटेटिक्स
- न्युट्रिशन एंड डाइटेटिक्स
- फूड साइंस एंड न्यूट्रिशन
- डाइटेटिक्स एंड क्लिनिकल न्यूट्रिशन
- न्यूट्रिशन एंड फूड फूड टेक्नोलॉजी
नोट: इन सभी डिप्लोमा कोर्सेज की अवधि दो से तीन वर्ष की होती है
बैचलर डिग्री
- क्लिनिकल न्यूट्रिशन
- न्यूट्रिशन एंड डाइटेटिक्स
- फूड साइंस एंड न्यूट्रिशन
- अप्लाइड न्यूट्रिशन डाइटेटिक्स
- होम साइंस ( न्यूट्रिशन एंड फूड साइंस स्पेशलाइजेशन )
मास्टर्स डिग्री
ग्रेजुएशन करने के बाद आप डाइटीशियन के क्षेत्र में मास्टर्स की डिग्री भी प्राप्त कर सकते हैं और डाइटीशियन संबंधी विषयों में स्पेशलाइजेशन कर सकते हैं।
- क्लिनिकल न्यूट्रिशन
- पीडिएट्रिक न्यूट्रिशन
- पब्लिक हेल्थ न्यूट्रिशन
- फूड साइंस एंड टेक्नोलॉजी
- स्पोर्ट्स न्यूट्रिशनएंड डाइटेटिक्स
- रीनल न्यूट्रिशन
डाइटीशियन के लिए भविष्य की संभावनाएं
1. क्लीनिकल न्यूट्रिशनिस्ट
इन न्यूट्रीशियन का काम हॉस्पिटल क्लीनिक या नर्सिग होम से जुड़ा होता है जो रोगियों की बीमारी के हिसाब से उनकी डाइट प्लान करता है ताकि रोगियों को जल्द से जल्द बीमारी से छुटकारा मिल सके।
2. मैनेजमेंट न्यूट्रिशनिस्ट
ये डाइटीशियन या न्यूट्रीशियन क्लीनिकल और फूड साइंस में एक्सपर्ट्स होते हैं इनका मुख्य काम बड़े संस्थाओं में काम करने वाले लोगों को हेल्थ संबंधी समस्याओं के बारे जागरूक करना और सही खान पान के बारे गाइड करना है।
3. कम्युनिटी न्यूट्रिशनिस्ट
इन डाइटीशियन का मुख्य काम स्वास्थ्य संबंधी एजेंसियों, हेल्थ एंड फिटनेस क्लब्स और डे केयर सेंटर्स में काम करना है इस क्षेत्र में किसी एक व्यक्ति विशेष के लिए काम न करके पूरे समुदाय पर फोकस करना पड़ता है।
4. न्यूट्रिशन एडवाइजर
इस प्रकार के डाइटीशियन बिना किसी सरकारी या प्राइवेट संस्थान के साथ जुड़े किसी डॉक्टर्स की तरह अपना स्वतंत्र बिजनेस करते हंै और लोगों को सही न्यूट्रिशन के बारे गाइड करते हंै।
5. डाइटीशियन के लिए रोजगार के अवसर
डाइटीशियन के क्षेत्र में नौकरी की अपार संभावनाएं मौजूद है बशर्ते कि आपको इस क्षेत्र के बारे में सही जानकारी हो। क्योंकि अगर आप किसी को सही खान पान के बारे में गाइड करते हो तो आपकी जरा सी गलती की वजह से लोगों की सेहत और भी ज्यादा खराब हो सकती है इससे आपके करियर पर खतरा मंडरा सकता है ग्राहक की शिकायत पर आपके ऊपर कानूनी करवाई भी की जा सकती है। लेकिन अगर आपको इस क्षेत्र का अच्छा अनुभव है तो आपके लिए हॉस्पिटल, क्लीनिक, नर्सिंग होम और फूड सर्विस मुहैया कराने वाली कंपनियों (केटरिंग, रेस्टोरेंट) इत्यादि में जॉब के बेहतर विकल्प है।
डाइटीशियन करियर संबंधी देश के कुछ प्रमुख कॉलेज
- लेडी इरविन कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय।
- इंस्टिट्यूट आॅफ होम इकोनॉमिक्स, नई दिल्ली।
- यूनिवर्सिटी आॅफ होम साइंस, नई दिल्ली।
- गुरु जंबेश्वर विश्वविद्यालय, हिसार, हरियाणा।
- वूमेन क्रिश्चियन कॉलेज, चेन्नई।
- माउंट कार्मेल कॉलेज, बेंगलुरु।
- एसएनडीटी वूमन युनिवर्सिटी, मुंबई।
- आॅल इंडिया इंस्टीट्यूट आॅफ हाइजीन एंड पब्लिक हेल्थ, कोलकाता।
- एसएनडीटी विमिंस यूनिवर्सिटी, मुंबई।
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