चंडीगढ़। आप पार्टी ने राज्य सभा के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेता राघव चड्ढा, पूर्व क्रिकेटर हरभजन सिंह, संदीप पाठक, अशोक मित्तल और संजीव अरोड़ा को उम्मीदवार बनाया है। आप के उम्मीदवारों ने सोमवार को यहां निर्वाचन अधिकारी के समक्ष अपने नामांकन पत्र दाखिल कर दिये। हाल ही संपन्न पंजाब की 117 सदस्यीय विधानसभा चुनाव में आप ने 92 सीटों पर विजय हासिल की है। इस भारी बहुमत की बदौलत पार्टी के इन सभी प्रत्याशियों का संसद के ऊपरी सदन के लिए चुना जाना तय लगता है। आईये जानते हैं इन उम्मीदवारों के बारे में।
हरभजन सिंह: आम आदमी पार्टी ने पंजाब में बंपर जीत के बाद राज्यसभा के लिए अपने उम्मीदवारों का ऐलान किया है। हरभजन सिंह का नाम तो चर्चा में था, लेकिन बाकी दो को लेकर अटकलें चल रही थी। सोमवार को पार्टी की ओर से इस पर से सस्पेंस खत्म कर दिया गया पार्टी हरभजन को राज्यसभा मे भेजने के साथ-साथ राज्य के स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी की जिम्मेदारी भी दे सकती है।
राघव चड्ढा: देश में सबसे कम उम्र के राज्यसभा सांसद होंगे। इससे पहले 35 साल की मैरीकॉम सबसे युवा सांसद बनी थी। राज्यसभा के लिए नामांकन दाखिल करने पहुंचे राघव चड्ढा ने कहा कि इतनी कम उम्र में मुझे नॉमिनेट करने के लिए मैं दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और पंजाब के सीएम भगवंत मान को धन्यवाद देना चाहता हूं। मैं पंजाब के लोगों का मुद्दा उठाऊंगा और संसद में उनके हितों की रक्षा करूंगा।
अशोक मित्तल लवली: लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी के संस्थापक हैं। लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी दुनिया के सबसे बड़े निजी विश्वविद्यालयों में से एक है। वे पंजाब में शिक्षा क्षेत्र में काफी लंबे समय से काम कर रहे हें। वहीं संजीव अरोड़ा लुधियाना के बड़े व्यवसायियों में शामिल हैं। वे कृष्णा प्राण ब्रेस्ट कैंसर केयर चैरिटेबल ट्रस्ट चलाते हैं।
संजीव अरोड़ा: पंजाब के जानेमाने बिजनेसमैन हैं और लुधियाना से आते हैं। 58 साल के संजीव एक्सपोर्ट हाउस रितेश इंडस्ट्रीज के संचालक हैं। उनके पिता भी लुधियाना के अमीर लोगों में शामिल रहे हैं।
प्रो. संदीप सिंह: मूल रूप से छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले के लोरमी के रहने वाले हैं। यहीं पर चार अक्टूबर 1979 को उनका जन्म हुआ था। संदीप तीन भाई बहन हैं। बहन का नाम प्रतिभा पाठक है, जबकि छोटे भाई का नाम प्रदीप पाठक है। संदीप ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा बिलासपुर में की। यहां से एमएससी करने के बाद वह ब्रिटेन की कैंब्रिज यूनिवर्सिटी चले गए। यहां पर उन्होंने पीएचडी की। इसके बाद वह अलग-अलग रिसर्च प्रोजेक्ट्स के साथ जुड़े रहे। 2016 में आईआईटी दिल्ली में उनकी असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर नियुक्ति हुई।
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