भारत ने सुशीला चानू की कप्तानी में जूनियर महिला हॉकी विश्व कप-2013 में इंग्लैंड को 3-2 से पराजित कर कांस्य पदक जीता था। यह पहला अवसर है जब भारतीय महिला टीम ने इस प्रतियोगिता में पदक जीता है। हॉकी इंडिया ने जूनियर हॉकी टीम की प्रत्येक खिलाड़ी के लिए एक-एक लाख रुपए के पुरस्कार की घोषणा की। जर्मनी के मोंशेंग्लाबाख में खेले गए कांस्य पदक मुकाबले में दोनों टीमें निर्धारित समय तक 1-1 से बराबरी पर थी जिसके बाद मैच का फैसला पेनल्टी शूट आउट से हुआ। भारत की तरफ से 18 वर्ष की रानी ने पेनल्टी पर पहला शॉट लिया और इसे गोल में तब्दील कर दिया लेकिन नवनीत कौर अपना शॉट चूक गई।
रानी दूसरी पेनल्टी को भी गोल में बदलने में कामयाब रहीं लेकिन दोनों बार इंग्लैंड की एमिली डेफ्रोएंड ने अपनी टीम को बराबरी दिला दी। नवनीत ने फिर भारत को 3-2 से आगे किया और एन्ना टोमैन का शॉट मिस होते ही भारत ने जीत प्राप्त कर ली। विदित हो कि वर्ष 2012 के चैम्पियन हॉलैंड ने अर्जेन्टीना को पेनल्टी शूटआउट में 4-2 से पराजित कर जूनियर महिला हॉकी विश्व कप-2013 का खिताब बरकरार रखा। इस प्रतियोगिता में भारत को तीसरा, इंग्लैड को चौथा, स्पेन को पांचवां, आॅस्ट्रेलिया को छठा, अमेरिका को सातवां और दक्षिण अफ्रीका को आठवां स्थान मिला।
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