Income Tax Slabs FY 2024-25 नई दिल्ली। यदि आप टैक्स पेयर हैं तो आपको यह जानना बहुत ही जरूरी है! यदि आप अभी भी तय नहीं कर पाए हैं कि आपको कौन सी आयकर व्यवस्था चुननी है, पुरानी या नई? तो बजट 2023 ने आपके लिए एक महत्वपूर्ण परिवर्तन पेश किया है: नई कर व्यवस्था को डिफॉल्ट रूप से अपनाना, जिसका उद्देश्य टैक्स जमा प्रक्रिया को आसान बनाना और अधिक लोगों को नई व्यवस्था चुनने के लिए प्रोत्साहित करना है, जो कम टैक्स दरों लेकिन कम कटौती और छूट प्रदान करती है। यदि आप पुरानी या नई व्यवस्था नहीं चुनते हैं, तो आपके टैक्स की गणना डिफॉल्ट रूप से नई व्यवस्था के तहत की जाएगी। हालाँकि, आप अपना रिटर्न दाखिल करने की नियत तारीख से पहले पुरानी व्यवस्था पर वापस जा सकते हैं। Income Tax Slab
आपकी जानकारी के लिए बताया जा रहा है कि आपको नई आयकर व्यवस्था कई लाभ प्रदान करती है, जिसमें कम दरों के साथ सरलीकृत टैक्स संरचना, कम टैक्स की देनदारी और टैक्स जमा कराने के लिए बढ़ी हुई डिस्पोजेबल आय शामिल है। विभिन्न कटौतियों और छूटों को समाप्त करके, यह टैक्स अनुपालन को सुव्यवस्थित करता है, जिससे करदाताओं के समय और प्रयास की बचत होती है।
टैक्स जमा कराने वालों के लिए नई टैक्स व्यवस्था के 8 बैनीफिट! जानें, कौन-कौन से:-
1. टैक्स की कम दरें | Income Tax Slab
टैक्स जमा कराने वालों के लिए नई व्यवस्था के तहत कम टैक्स दरों से बैनीफिट हो सकता है, जिसके परिणामस्वरूप टैक्स देनदारी कम होगी और खर्च करने योग्य आय अधिक होगी। सरकार करदाताओं के लिए इसे और अधिक आकर्षक बनाकर नई टैक्स व्यवस्था पर जोर दे रही है। डेलॉइट इंडिया की पार्टनर आरती रावते ने कहा कि नई टैक्स व्यवस्था करदाताओं को काफी कम टैक्स दर प्रदान करती है।
2. सरलीकृत टैक्स संरचना
नई व्यवस्था कम टैक्स दरों की पेशकश करके कर संरचना को सरल बनाती है
3 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा।
3-6 लाख रुपये के बीच की आय पर 5 फीसदी टैक्स लगेगा (धारा 87ए के तहत कर छूट उपलब्ध है)।
6-9 लाख रुपये के बीच की आय पर 10 फीसदी टैक्स लगेगा (7 लाख रुपये तक की आय पर धारा 87ए के तहत कर छूट उपलब्ध है)।
9-12 लाख रुपये के बीच आय पर 15 फीसदी
12-15 लाख रुपये के बीच आय पर 20 प्रतिशत
15 लाख रुपये और उससे अधिक की आय पर 30 फीसदी टैक्स लगेगा।
3. टैक्स में कोई कटौती नहीं | Income Tax Slab
आरती रावते कहती हैं कि नई व्यवस्था करदाताओं के लिए समय और प्रयास की बचत करते हुए, कटौती को ट्रैक करने और दावा करने की आवश्यकता को समाप्त करती है। इसके अलावा, करदाताओं को व्यय और निवेश के लिए विवरण और साक्ष्य एकत्र करने और प्रदान करने की परेशानी भी नहीं है।
4. मूल छूट सीमा
क्लियर के संस्थापक और सीईओ अर्चित गुप्ता ने कहा कि मूल छूट सीमा 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 3 लाख रुपये कर दी गई है। यह बढ़ी हुई छूट सीमा नई टैक्स व्यवस्था को और अधिक आकर्षक बनाती है। ध्यान दें कि सबसे ऊंची टैक्स दर (30%) 15 लाख रुपये से अधिक की आय पर लगाई जाएगी।
5. सरचार्ज रेट में बदलाव
नई टैक्स व्यवस्था के लागू होने से अधिभार दर 37% से घटकर 25% हो गई है। यह 5 करोड़ रुपये से अधिक आय वाले व्यक्तियों के लिए लागू है। गुप्ता के अनुसार, यह घटी हुई अधिभार दर केवल उन करदाताओं के लिए मान्य है जो नई कर व्यवस्था चुनते हैं और जिनकी आय 5 करोड़ रुपये से अधिक है।
6. छूट सीमा में बदलाव
नई टैक्स व्यवस्था लागू होने से छूट की सीमा बढ़ गई है। पुरानी टैक्स व्यवस्था के अनुसार, 5 लाख रुपये तक की आय के लिए लागू छूट सीमा 12,500 रुपये है। हालाँकि, नई टैक्स व्यवस्था के तहत, यदि टैक्स योग्य आय 7 लाख रुपये से कम या उसके बराबर है, तो यह छूट सीमा बढ़कर 25,000 रुपये हो गई है। ध्यान दें कि धारा 87ए छूट दोनों आयकर व्यवस्थाओं के तहत लागू है। अर्चित गुप्ता ने कहा कि बजट घोषणा ने नई टैक्स व्यवस्था के तहत कर योग्य सीमा को 5 लाख रुपये से बढ़ाकर 7 लाख रुपये कर दिया।
7. मानक कटौती | Income Tax Slab
पुरानी और नई दोनों व्यवस्थाओं के तहत वेतनभोगी व्यक्तियों की मानक कटौती 50,000 रुपये है
8. अवकाश नकदीकरण पर छूट
नई टैक्स व्यवस्था के तहत गुप्ता ने समझाया कि आपको लीव इनकैशमेंट पर छूट मिलेगी। बजट 2023 में, गैर-सरकारी कर्मचारियों के लिए छुट्टी नकदीकरण की छूट सीमा 8 गुना यानी 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 25 लाख रुपये कर दी गई थी। इसलिए, सेवानिवृत्ति पर, धारा 10(10एए) के अनुसार, 25 लाख रुपये तक की छुट्टी नकदीकरण कर से मुक्त है।
अस्वीकरण: लेख में दी गई जानकारी एवं विचार विश्लेषकों के हैं, सच कहूँ इसकी पुष्टि नहीं करता है। निवेशक कोई भी निवेश करने से पहले एक्सपर्ट की सलाह अवश्य ले। Income Tax Slab
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