मुजफ्फरनगर (सच कहूँ न्यूज)। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू ) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने किसान महापंचायत में हुंकार भरते हुए कहा कि सिर्फ मिशन यूपी ही नहीं हमें पूरे देश को बचाना है और किसानों की ही नहीं अब अन्य मुद्दों को भी उठाना है। संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर रविवार को यहां जीआईसी मैदान पर आयोजित विशाल किसान महापंचायत को सम्बोधित करते हुए टिकैत ने कहा कि जब तक केन्द्र सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस नहीं लेगी किसान आन्दोलन जारी रहेगा। हम तब तक घर नहीं जाएंगे और वहां जमीन पर पैर भी नहीं रखेंगे। हमारा आन्दोलन फतह होगा और यह देश के जवान और किसान की जीत होगी ,तभी घर वापस आयेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों से बात ही करना नहीं चाहती है। जबतक सरकार किसानों की मांग नहीं मानेगी तब तक आन्दोलन जारी रहेगा।
सरकार तोड़ने का काम करती है
उन्होंने कहा है उन्होंने कहा कि सरकार हम से बात करने को तैयार नहीं है। सरकार ने किसानों से बात करना बंद कर दिया है। उन्होंने कहा कि अब किसानों के मुद्दे ही नहीं उठाने हैं देश के सभी मुद्दो को उठायेंगे। अब यूपी नहीं देश को बचाना है। उन्होंने कहा कि देश का किसान और नौजवान कमजोर नहीं है। उन्होंने केन्द्र सरकार पर निशाना साधते हुए मनमानी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि अब देश की संस्थाएं बेची जा रही है। हम चुप नहीं रहेंगे। उन्होंने कहा कि वे तोड़ने का काम करते हैं तो हम लोगों को जोड़ते हैं।
केंद्र सरकार जिन्हें "चंद किसान" बताकर नकार रही थी, आज उन किसानों ने अपनी ताकत दिखाई है। अब केंद्र सरकार अपनी बेशर्मी छोड़े और किसानों को मांगे माने।#मुजफ्फरनगर_किसान_महापंचायत pic.twitter.com/BACqNzxndt
— Kisan Ekta Morcha (@Kisanektamorcha) September 5, 2021
जनता बाहरी लोगों को अब बर्दास्त नहीं करेगी
टिकैत ने कहा कि बड़े-बड़े लोग बैंकों का हजारों करोड़ रुपया लेकर भाग जाते हैं उनका कोई कुछ नहीं कर पाता। उन्होंने कहा कि फसलों का दाम नहीं तो वोट भी नहीं। उन्होंने प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को भी नहीं बख्शा और कहा जनता बाहरी लोगों को अब बर्दास्त नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार को हर हालत में तीनों कृषि कानूनों को वापस लेना ही होगा। उन्होंने कहा कि सरकार बताये कि इन कानूनों से किसान को क्या फायदा है, लेकिन सरकार नहीं बता रही है। यह कानून किसान के साथ-साथ व्यापारियों के और लोगों के हित में नहीं है। किसानों को कर्जा नहीं फसलों का लाभकारी भाव चाहिए । उन्होंने किसान हित में एमएसपी पर कानून की उनकी मांग रहेगी लेकिन सरकार उनकी इस मांग पर कोई विचार नहीं कर रही है।
सरकार किसानों के साथ बातचीत शुरू करें किसान नेता
किसान नेताओं ने रविवार को सरकार से विभिन्न मुद्दों पर फिर से बातचीत शुरू करने का अनुरोध करते हुए एकबार फिर चेतावनी दी कि वे 2024 तक आंदोलन के लिए तैयार हैं। संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से आयोजित महाकिसान पंचायत को संबोधित करते हुए कहा कि उनका आंदोलन गैरराजनीतिक है लेकिन किसानों के साथ हो रहे दमन को हर हाल में उठाया जायेगा और आंदोलन को गांव गांव तक लेजाया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के किसान महापंचायत पूरे देश में आयोजित किए जाएंगे । किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि देश का संविधान खतरे में है। हवाई अड्डे , बिजली , बंदरगाह और सड़कों को निजी हाथों में बेचा जा रहा है, जबकि वोट के समय भारतीय जनता पार्टी ने इस संबंध में कुछ नहीं कहा था।
किसान इस देश की आवाज हैं।
किसान देश का गौरव हैं।किसानों की हुंकार के सामने किसी भी सत्ता का अहंकार नहीं चलता।
खेती-किसानी को बचाने और अपनी मेहनत का हक मांगने की लड़ाई में पूरा देश किसानों के साथ है।#मुजफ्फरनगर_किसान_महापंचायत
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) September 5, 2021
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