सरसा (सुनील वर्मा)। संयुक्त किसान मोर्चा (अराजनैतिक) के आह्वान पर देशभर में बिजली संशोधन बिल-2022 के खिलाफ सिरसा लघु सचिवालय के समक्ष रोष प्रदर्शन कर बिल की प्रतियां व प्रधानमंत्री का पुतला फूंका गया। किसान संगठन नेता जसबीर भाटी व भारतीय किसान एकता के प्रदेशाध्यक्ष मैक्स साहुवाला ने संयुक्त रूप से बताया कि 11 दिसंबर 2021 को जब किसान आंदोलन स्थगित किया जा रहा था, उस समय केंद्र सरकार ने वायदा किया था कि संयुक्त किसान मोर्चा से सलाह-मशविरा किये बगैर यह बिल संसद में पेश नहीं किया जाएगा। लेकिन सरकार ने वादाखिलाफी करते हुए आठ अगस्त 2022 को यह बिल संसद में पेश कर दिया। यह बिल संविधान के खिलाफ है और राज्य सरकार के अधिकारों को छीनने की साजिश है।
नए बिल के तहत केंद्र सरकार को ये अधिकार होगा कि वो किसी भी राज्य की बिजली सप्लाई को इस आधार पर कम कर सकती है कि उस राज्य ने पिछली पेमेंट नहीं की है। ऐसी स्थिति में उस राज्य के किसानों को बिजली संकट का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने बताया कि 2014 में जब से मोदी सरकार सत्ता में आई है, तब से सरकार लगातार किसान विरोधी निर्णय लेती जा रही है। यदि सरकार ने बिजली संशोधन बिल-2022 को वापस नहीं लिया तो आने वाले समय में संयुक्त किसान मोर्चा अराजनैतिक देशव्यापी आंदोलन की शुरूआत करेगा। इस मौके पर आत्माराम झोरड़, गुरी सेखों, गुरनाम झब्बर, सुरेंद्र सिंह सरपंच, गेवी गिल, भूपेंद्र नंबरदार, साहिब घुम्मन, कृष्ण, बलराज बाजवा, रणधीर जोधकां, बलजिंदर वेदवाला, गगन संधू, उदय गिल, सुखी सरां सहित अन्य किसान भी उपस्थित थे।
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