नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि कृषि संबंधी तीनों कानून निरस्त होने तक किसान अपना आंदोलन जारी रखने का संकल्प ले चुके हैं इसलिए सरकार को हठ छोड़ कर उनकी मांग मान लेनी चाहिए। गांधी ने ट्वीट किया, ‘किसान मजदूर के गांधी जयंती तक आंदोलन के निर्णय से उनके दृढ़ संकल्प के साथ ही ये भी साफ है कि वे मोदी सरकार से कितने नाउम्मीद हैं। उन्होंने सरकार को हठ छोड़ने की सलाह दी और कहा, ह्ल अहंकार छोड़ो, सत्याग्रही किसानों की तकलीफ समझो और कृषि-विरोधी कानून वापस लो।
सूत्रों के अनुसार, सरकार किसान संगठनों को ‘खुलकर’ बातचीत करने का नया प्रस्ताव जल्द देगी। सूत्रों के अनुसार, इसमें सरकार किसानों से ही प्रस्ताव मांगेगी और उस पर विस्तार से उनके सामने बात रखेगी। अगले हफ्ते के अंत तक बातचीत का सिलसिला फिर शुरू हो सकता है। उधर, किसान नेता राकेश टिकैत ने प्रेशर वाला दांव चल दिया है। उन्होंने साफ कहा है कि अक्टूबर तक आंदोलन जारी रखने की तैयारी है। आगे का फैसला बाद में लिया जाएगा।
किसान-मज़दूर के गाँधी जयंती तक आंदोलन के निर्णय से उनके दृढ़ संकल्प के साथ ही ये भी साफ़ है कि वे मोदी सरकार से कितने नाउम्मीद हैं।
अहंकार छोड़ो, सत्याग्रही किसानों की तकलीफ़ समझो और कृषि-विरोधी क़ानून वापस लो!
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) February 7, 2021
10 मेट्रो स्टेशन के गेट खोले गए
तीन कृषि कानूनों के विरोध में शनिवार को किसान संगठनों के चक्का जाम के मद्देनजर बंद किए गए 10 मेट्रो स्टेशनों के प्रवेश और निकास द्वार खोल दिए गए और सामान्य सेवाएं बहाल कर दी गईं। दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पाेरेशन (डीएमआरसी) ने ट्वीटर पर कहा,“बंद किये गये विश्वविद्यालय, लाल किला, जनपथ, केंद्रीय सचिवालय, जामा मस्जिद, खान मार्केट, नेहरू प्लेस और मंडी हाउस मेट्रो स्टेशन के प्रवेश और निकास द्वारों को खोल दिया गया है। हालांकि, सभी बंद स्टेशनों पर इंटरचेंज सुविधा उपलब्ध थी, हालांकि इन सभी स्टेशनों पर इंटरचेंज सुविधा उपलब्ध रहेगी।”
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