पठानकोट कोर्ट ने मुख्य आरोपी सांझी राम के बेटे विशाल को बरी किया
फैसले के मद्देनजर पठानकोट और कठुआ में सुरक्षा बढ़ाई गई
जनवरी, 2018 में कठुआ में सामूहिक दुष्कर्म के बाद बच्ची की हत्या कर दी गई थी
पठानकोट। जम्मू-कश्मीर के कठुआ में 8 साल की बच्ची के साथ सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के मामले में पठानकोट कोर्ट ने सोमवार को (Six convicts including village chief will be heard today) ग्राम प्रधान सांझी राम समेत 6 आरोपियों को दोषी ठहराया, जबकि एक आरोपी को बरी कर दिया। दोपहर को दोषियों को सजा सुनाई जा सकती है। क्राइम ब्रांच ने पिछले साल अप्रैल में सभी 8 आरोपियों के खिलाफ चार्टशीट दाखिल की थी। इनमें से एक आरोपी नाबालिग है, उसका केस जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट में चल रहा है। फैसले के मद्देनजर कठुआ और पठानकोट में सुरक्षा बढ़ाई गई।
चार्जशीट के मुताबिक, सांझी राम पूरे घटनाक्रम का मास्टरमाइंड था। अपहरण के बाद () बच्ची को उसकी देखरेख वाले मंदिर में रखा गया था। कोर्ट ने दो एसपीओ दीपक खजूरिया और सुरेंद्र वर्मा, एसआई अरविंद दत्ता, हेड कॉन्स्टेबल तिलक राज और प्रवेश कुमार उर्फ मन्नू को दोषी करार दिया। जबकि सांझी राम के बेटे विशाल को बरी कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर केस पठानकोट ट्रांसफर हुआ
कठुआ केस को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की गई थी। इसके बाद तत्कालीन महबूबा मुफ्ती सरकार ने पैरवी के लिए सिख समुदाय के दो वकील नियुक्त किए थे। वकीलों ने जम्मू-कश्मीर के कोर्ट में पुलिस को चार्जशीट दाखिल करने से रोक दिया था। इसके बाद ही मामले ने तूल पकड़ा और सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई पठानकोट की फास्ट ट्रैक कोर्ट ट्रांसफर करने का आदेश दिया था।
बच्ची का क्षत-विक्षत शव जंगल में मिला था
अल्पसंख्यक बकरवाल समुदाय की पीड़ित बच्ची कठुआ जिले के रासना गांव में रहती थी। जनवरी, 2018 में अपहरण के बाद उसे गांव के एक मंदिर में बंधक बनाकर रखा गया। यहां कई दिनों तक गैंगरेप किया गया, फिर सिर कुचल हत्या कर दी गई। इसके बाद 17 जनवरी को उसका शव क्षत-विक्षत हालत में जंगल से बरामद हुआ था।
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